गरीबों को खाद्यान्न के लिए ही 'आधार' अनिवार्य
आधार को अनिवार्य बनाने पर दलील देते हुए केन्द्र सरकार ने हाईकोर्ट से कहा है कि इसे इसलिए अनिवार्य बनाया गया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पीडीएस के तहत गरीबों को सब्सिडी वाला खाद्यान्न मिल सके.एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल की अगुआई वाली बेंच को एएसजी संजय जैन ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली का काफी दुरुपयोग हो रहा है.
गरीबों को खाद्यान्न के लिए ही 'आधार' अनिवार्य |
उन्होंने कहा कि सब्सिडी वाला खाद्यान्न गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है और उसका लाभ दूसरे लोग उठा रहे हैं.
पीडीएस योजना के तहत लाभ में प्रयुक्त होने वाले करीब 2. 33 करोड़ राशन कार्ड फर्जी निकले. उनकी दलील थी कि आधार को अनिवार्य करने से पीडीएस का लाभ असली लाभार्थियों को मिलेगा.
सरकार ने इन लोगों को आधार के लिए 30 जून तक आवेदन करने हेतु समय दिया है. इनके पास बायोमैट्रिक आधारित विशिष्ट पहचान संख्या नहीं है.
केन्द्र ने यह जवाब उस जनहित याचिका पर दिया जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने की केन्द्र की 8 फरवरी को अधिसूचना को निरस्त करने की मांग की गई थी.
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