गरीबों को खाद्यान्न के लिए ही 'आधार' अनिवार्य

Last Updated 25 Apr 2017 05:45:45 AM IST

आधार को अनिवार्य बनाने पर दलील देते हुए केन्द्र सरकार ने हाईकोर्ट से कहा है कि इसे इसलिए अनिवार्य बनाया गया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पीडीएस के तहत गरीबों को सब्सिडी वाला खाद्यान्न मिल सके.एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल की अगुआई वाली बेंच को एएसजी संजय जैन ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली का काफी दुरुपयोग हो रहा है.


गरीबों को खाद्यान्न के लिए ही 'आधार' अनिवार्य

उन्होंने कहा कि सब्सिडी वाला खाद्यान्न गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है और उसका लाभ दूसरे लोग उठा रहे हैं.

पीडीएस योजना के तहत लाभ में प्रयुक्त होने वाले करीब 2. 33 करोड़ राशन कार्ड फर्जी निकले. उनकी दलील थी कि आधार को अनिवार्य करने से पीडीएस का लाभ असली लाभार्थियों को मिलेगा.

सरकार ने इन लोगों को आधार के लिए 30 जून तक आवेदन करने हेतु समय दिया है. इनके पास बायोमैट्रिक आधारित विशिष्ट पहचान संख्या नहीं है.

केन्द्र ने यह जवाब उस जनहित याचिका पर दिया जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने की केन्द्र की 8 फरवरी को अधिसूचना को निरस्त करने की मांग की गई थी.

समयलाइव डेस्क


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