जाधव जिंदा भी हैं यह जानने के लिए सरकार को पाक अदालत की शरण में जाना चाहिए
पूर्व मेजर जनरल डीजी बक्शी ने यह पता करने के लिए कि जासूसी के जुर्म में मौत की सजा पाए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव जिंदा भी है अथवा नहीं, सरकार से पाकिस्तान की अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल करने की शुक्रवार को अपील की.
![]() पूर्व मेजर जनरल डीजी बक्शी (फाइल फोटो) |
मेजर जनरल बक्शी ने आशंका व्यक्त की है कि हो सकता है कि पाकिस्तान के ‘अमानवीय अत्याचारों’ से जाधव मारा जा चुका हो और पाकिस्तान इस ‘न्यायिक हत्या’ को छिपाने का
प्रयास कर रहा हो.
उन्होंने राष्ट्रीयता और देशभक्ति पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी में कहा, ‘उसका अपहरण किया गया, बलूचिस्तान ले जाया गया और उसे वह सब कुछ कबूल करने के लिए अमानवीय यातनाएं दी गईं जो उसने की ही नहीं.’
मेजर जनरल बक्शी ने कहा, ‘हमें संदेह है कि जाधव को इतनी यातनाएं दी गईं कि उसकी मौत हो गई और यह तथाकथित सुनवाई न्यायिक हत्या को छिपाने के लिए उठाया गया कदम है.
उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमारे वकीलों को पाकिस्तानी अदालतों में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करना चाहिए और जाधव को अदालत तथा मीडिया के सामने पेश करने की मांग करनी चाहिए.’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 1971 से 56 भारतीय सैनिकों को पकड़ रखा है और वह उन्हें वापस नहीं भेज कर सभ्य देश की तरह बर्ताव नहीं कर रहा है.
मेजर जनरल बक्शी ने कहा, ‘हम कितने सभ्य हैं यह दिखाने के लिए भारत ने अनेक पाकिस्तानी कैदियों को उन्हें लौटा दिया, लेकिन जब पाकिस्तान उस तरह का बर्ताव नहीं कर रहा तो हमें उस पर दबाव डालना चाहिए जिससे उसका बर्ताव बदलेगा.
उन्होंने कहा, ‘मैं सदियों के बाद जाधव के लिए पूरी संसद को एकजुट देख कर खुश हूं.’
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