चुनाव आयोग की सलाह दरकिनार, केंद्र ने किया किसानों का दो माह का ब्याज माफ
पांच विधानसभा चुनावों के मद्देनजर लोकलुभावन योजना की घोषणा न करने के चुनाव आयोग के आदेश के बावजूद सरकार ने बजट से पहले ही किसानों, बुजुर्गों और ग्रामीणों के लिए तोहफे दे दिए.
केंद्र ने किया किसानों का दो माह का ब्याज माफ |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को अनेक लोकलुभावन फैसले लिए गए. नोटबंदी के कारण नकदी संकट से जूझ रहे किसानों को राहत प्रदान करते हुए सरकार ने नवम्बर-दिसम्बर 2016 के दौरान अल्पावधि फसल ऋण पर 660.50 करोड़ रुपए का ब्याज माफ करने का फैसला किया.
वित्त मंत्री को अपने बजटीय भाषण में कुछ योजनाओं की घोषणा करनी थी, लेकिन चुनाव आयोग के निर्देश पर दूसरा रास्ता निकालते हुए कैबिनेट ने लालीपॉप वाली योजनाएं घोषित कर दी हैं. हालांकि नोटबंदी के बाद 31 दिसम्बर को प्रधानमंत्री ने किसानों का ब्याज माफ करने का ऐलान किया था.
सरकार ने आठ नवम्बर को नोटबंदी का निर्णय लिया था जिसके बाद किसानों के समक्ष नकदी का संकट खड़ा हो गया. इस फैसले से किसानों को राहत मिलेगी. कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बैठक के बाद बताया कि जिन किसानों ने सहकारी बैंकों से अल्पावधि ऋण लिया है, मंत्रिमंडल ने उन किसानों के (नवम्बर-दिसम्बर 2016) दो माह का 660.50 करोड़ रुपए का ब्याज माफ करने को मंजूरी दे दी है.
नाबार्ड सहकारी बैंकों के लिए जुटाएगा 20,000 करोड़ : सरकार ने नाबार्ड को बाजार से 20,000 करोड़ रुपए जुटाने की अनुमति दे दी है. यह धन किसानों को सस्ता फसल ऋण देने के लिए सहकारी बैंकों को 4.5 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा. मानसून अच्छा रहने और कृषि उत्पादन बढ़ाने पर जोर को देखते हुए फसल ऋण बढ़ने की उम्मीद है. इस संबंध में निर्णय हालांकि पहले ही ले लिया गया था, लेकिन मंत्रिमंडल ने इसे मंगलवार को मंजूरी दी.
बैठक के बाद जारी सरकारी वक्तव्य में कहा गया है कि नाबार्ड को इस काम के लिए आम बजट में 2,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी. इसमें कहा गया है कि नाबार्ड को 2016-17 में ही 500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराकर इसकी शुरुआत कर दी जाएगी. कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग की योजना के मुताबिक इसपर 1.8 प्रतिशत की ब्याज सहायता और 0.2 प्रतिशत की नाबार्ड का प्रशासनिक खर्च भी उपलब्ध कराया जाएगा.
दो लाख तक के होम लोन ब्याज पर सब्सिडी
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में आवास विकास कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना को मंजूरी दे दी. सरकार गांवों में बनाए जाने वाले घरों के लिए ग्रामीणों को दो लाख तक के लोन पर ब्याज दरों में 3 फीसद सब्सिडी देगी. यह सुविधा उन्हीं घरों के निर्माण के लिए दी जाएगी जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नहीं बनाए जा रहे हैं. इस फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को नए घर बनाने तथा अपने पुराने और कच्चे घरों को पक्के घरों में बदलने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी.
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