साहित्यकार कामतानाथ का निधन
सशक्त कथा शिल्पी के रूप में अपनी अलग पहचान बनाने वाले रचनाकार कामतानाथ का शुक्रवार को लखनऊ के एक अस्पताल में निधन हो गया.
![]() साहित्यकार कामतानाथ का निधन (फाइल फोटो) |
वह 78 वर्ष के थे.पारिवारिक सूत्रों ने बताया, ‘‘कामतानाथ का गुर्दा के कैंसर के चलते लखनऊ स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस में शुक्रवार की रात लगभग 9 बजे निधन हो गया.’’
कामतानाथ का जन्म 22 सितंबर 1934 में लखनऊ में हुआ था. उनके परिवार में पत्नी के अलावा तीन पुत्रियां और एक पुत्र हैं. अपने समकालीन कथाकारों में पृथक मंच पर उन्होंने अपनी कथाओं का सृजन किया है, जिसमें वर्गीय चेतना और क्रांतिकारी प्रभाव है.
सूत्रों ने बताया कि शनिवार की दोपहर करीब 12 बजे कामतानाथ का अंतिम संस्कार कर दिया गया, उन्हें मुखाग्नि उनके पुत्र आलोक ने दी. इस रचनाकार को अंतिम विदाई देने के लिए कई प्रमुख लोग मौजूद थे.
कामतानाथ के छह उपन्यास और 11 कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. उन्हें ‘पहल सम्मान’, ‘मुक्तिबोध पुरस्कार’, ‘यशपाल पुरस्कार’, ‘साहित्य भूषण’ और ‘महात्मा गांधी सम्मान’ से नवाजा गया.
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