'मुबारक हो लड़की हुई है'
'मुबारक हो लड़की हुई है' यह खबर सुनकर बहुत से लोगों के चेहरों की हवाइयां उड़ जाती है.
'मुबारक हो लड़की हुई है' (फाइल फोटो) |
जिस लड़की के आने पर लोगों को जश्न मनाना चाहिए, उसी लड़की के आने से आज लोग किस्मत को कोसते हैं.
बेटी पालना आज उनके लिए बहुत बड़ा बोझ बन चुका है. जैसे ही पता चलता है कि महिला गर्भ से है, लोग लिंग जांच कराते है कि गर्भ में पलने वाला बच्चा लडका है या लडकी.
गर्भ जांच के बाद लोग गर्भपात कराते हैं. मां को कोसते है और बेबस,लाचार माँ को मजबूरन गर्भपात कराना पडता है.
देखिये, प्रियंका ध्यानी की ये पक्तियां- 'जीने दो मुझे'
कोई कहे मुझे घर की लक्ष्मी, कोई कहे मुझे गृह शोभा.
तो फिर मुझे मारने से पहले, क्यों नहीं किसी ने सोचा...?
क्या बिगाड़ा मैनें किसी का, अभी तो मैं जन्मीं भी नहीं,
सोचा देखूँगी ये दुनिया,पर ये दुनिया तो मेरी ही नहीं.
माँ तू है कितनी महान,जो सहा इतना बड़ा अपमान,
मार दिया कोख में मुझे,दुबारा मार न पाये,रोक इन्हें.
ये दुनिया मेरी है,यहाँ के लोग मेरे हैं,
तो मुझे मारने के लिए,क्यों सब घिरे हैं.
लक्ष्मीबाई,कल्पना चावला,जैसे नारी भी थी महान,
तूने मुझे मारकर,किया है उन सभी का अपमान.
मुझे भी जीवन देकर देखो,लडकों से तुलना करके देखो,
बन जाऊंगी एक दिन महान,करेगी यह दुनिया सम्मान.
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