विवाहेतर संबंधों से बिखर रहीं गृहस्थियां

Last Updated 21 May 2013 03:59:42 PM IST

मैडम मेरा घर टूट रहा है.प्लीज! मेरी गृहस्थी बचाइये.पति-पत्नी के बीच \'तीसरे\' ने दांपत्य जीवन को टूट की कगार पर ला खड़ा किया है.


अवैध संबंध (फाइल)

हेल्पलाइन में दर्ज की जा रही ऐसी शिकायतों को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए कई मामलों में पति-पत्नी की ज्वाइंट मीटिंग कराई जा रही है. वैवाहिक जीवन को बिखरने-टूटने से बचाने की कवायद के तहत संस्था की कोशिश है कि जिस तीसरे (पुरुष या महिला) के कारण पति-पत्नी के रिश्तों में अविश्वास पैदा हो रहा है, उसे भी काउंसलिंग के लिए बुलाया जाए.

इसकी तैयारी भी संस्था ने की है. पटना की रंजना (नाम परिवर्तित) ने हेल्पलाइन में एक महीना पहले अर्जी देकर दरख्वास्त की है कि उसकी हंसती-मुस्कुराती जिंदगी में तूफान खड़ा हो गया है.

रंजना ने बताया है कि शादी के लगभग दस वर्ष हो गए हैं. उसके दो बच्चे हैं. प्राइवेट बैंक में उच्च पद पर तैनात उसके पति का उसी दफ्तर में काम करने वाली अन्य महिला से घनिष्ट संबंध हो गया है.

नतीजतन, उसके पति उससे और बच्चों से दूर होते जा रहे हैं. छुट्टी के दिन भी उसके पति दफ्तर जाने का बहाना बनाकर घर से पूरे दिन बाहर रहते हैं.

अन्य महिला से बढ़ते संबंधों की बाबत जब रंजना को मालूम हुआ तो उसे सहसा विश्वास नहीं हो रहा था. सच्चाई पता लगाने के बाद जब उसने अपने पति से पूछा तो पति साफ तौर पर इनकार कर गए.

उसके बाद पति की नाराजगी पत्नी और बच्चों के प्रति बात बेबात उठने लगी. रंजना ने बताया है कि बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं.

मामले के मद्देनजर हेल्पलाइन की प्रबंधक प्रमिला कुमारी ने 23 मई को पति-पत्नी दोनों की ज्वाइंट मीटिंग बुलाई है. उधर, राजधानी के पॉश इलाके में रहने वाली निकिता (परिवर्तित नाम ) के पांच वर्षों से वफा की कसमें खाने वाले पति ने इस कदर बेवफाई की है कि पति-पत्नी के बेहद आत्मीय मामले को उसे हेल्पलाइन में लाना पड़ा.

निकिता ने बताया है कि एक नामीगिरामी ऑटोमोबाइल कंपनी में ऊंचे ओहदे पर कार्यरत उसके पति अपने दफ्तर में काम करने वाली एक महिला के आकर्षण में उलझ गए हैं. उनकी गृहस्थी उलझन में पड़ गई है. इस मामले में पति-पत्नी को हेल्पलाइन कार्यालय में दोनों का पक्ष जानने के लिए बुलाया गया है.

प्रमिला कुमारी ने ऐसे संबंधों पर चिंता जताते हुए कहा कि विवाहेतर संबंधों की कोई जमीन नहीं होती. वैवाहिक जीवन में एक-दूसरे के लिए आदर भाव नहीं रहे तो वह संबंध खत्म होने में समय नहीं लगता.

जरूरत है वैवाहिक संबंधों को बचाये रखने की. विवाहेतर संबंधों की बाबत क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. बिंदा सिंह ने साफ तौर पर कहा कि ऐसे संबंध कई परेशानियों के कारण बनते हैं.

महिला या पुरुष जो भी ऐसे संबंध में बंधते हों, उनमें कई प्रकार के मानसिक विकार उत्पन्न होने लगते हैं. झूठ बोलने की प्रवृत्ति बढ़ती है, समाज को फेस करने की ताकत उनमें नहीं रह जाती.

इस तरह वे समाज-परिवार से अलग होते जाते हैं जिससे उनमें असुरक्षा की भावना आ जाती है. विशेष कर पुरुषों के मामले में उन्होंने कहा कि आजकल सभी जगह दफ्तरों में महिलाएं बड़ी संख्या में काम करती हैं.

जाहिर है बाहर काम करने वाली महिला वेल ड्रेस्ड, वेल मैर्नड और मेंटेंड नजर आएगी. जबकि इस मुकाबले में पत्नी उन्हें घरेलू और हमेशा घर के काम में मशगूल और अव्यवस्थित नजर आने लगती है.

ऐसे में कार्यस्थल पर काम करने वाली महिला सहयोगी के प्रति उनमें आकर्षण उत्पन्न होता है.
 



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