Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन को लेकर बाजार में बढ़ी रौनक, चाइनीज राखियां गायब, देसी आइटम का बढ़ा क्रेज

Last Updated 29 Aug 2023 03:20:37 PM IST

रक्षाबंधन पर्व को लेकर राखी का बाजार सज गया है। रक्षाबंधन के लिए शहर में रंग-बिरंगी और आकर्षक राखियों की खरीदारी शुरू हो गई है।


दिल्ली के बाजार से आई रंग बिरंगी राखियां महिलाओं को पसंद आ रही है। जरकिन, मेटल, गोटा चांदी और मोतियों से सजी सजी राखी सबसे महंगी है।

पिछले कुछ सालों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की त्योहारों पर ‘वोकल फॉर लॉकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की अपील का असर धरातल पर नजर आ रहा है। उत्तर भारत के सबसे बड़े थोक बाजार, सदर बाजार में इस बार रक्षाबंधन के त्यौहार पर चीन निर्मित राखियां नदारद हैं और सिर्फ भारतीय राखियों की ही भरमार है।

इससे दुकानदारों में भी खासा उत्साह है और उन्हें इस बार अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है।

सदर बाजार में चीन निर्मित राखियां कम उपलब्ध होने पर स्थानीय दुकानदार बृजेश ने कहा, “ आए दिन चीन सीमा का अतिक्रमण कर हमारे देश में घुस रहा है। हम क्यों चीन का माल बनाएं? चीन की राखी न हमारा ग्राहक खरीदना चाहता है और न हम बनाना चाहते हैं।”

एक अन्य दुकानदार अरविंद कुमार ने कहा,“ अब लोग चीन की राखियां पसंद नहीं करते और इसलिए हम रखते भी नहीं हैं।”

स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि ग्राहक भारतीय राखियों की ही ज्यादा मांग कर रहे हैं। वे चीन की राखी की मांग में कमी का एक प्रमुख कारण उसकी महंगी कीमत और खराब गुणवत्ता को भी बता रहे हैं।

दुकानदार संजय यादव ने बताया कि इस बार सदर बाजार में तीन रुपये से लेकर 200 रुपये कीमत तक की भारतीय राखियां उपलब्ध हैं जबकि चीनी राखी की शुरूआती कीमत ही 50 रुपये है और यह टूटती भी जल्दी है।

दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने न्यूज एजेंसी को बताया, “ बाजार में 80 फीसदी भारतीय राखियां ही मिल रही हैं और राखियों के बाजार में चीन की हिस्सेदारी मुश्किल से 20 फीसदी तक ही रह गई है । यह भी केवल कच्चे माल के तौर पर ही है।”
 

भाषा
नई दिल्ली


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