उपवास रखने से Alzheimer के रोगियों को हो सकता है फायदा

Last Updated 22 Aug 2023 04:59:02 PM IST

एक अध्ययन से यह बात सामने आई है कि अंतराल में किए गए उपवास अल्जाइमर बीमारी को काफी हद तक ठीक कर सकते हैं।


उपवास रखने से Alzheimer के रोगियों को हो सकता है फायदा

'अल्जाइमर' भूलने की बीमारी है, जिसके कारण याददाश्त की कमी, निर्णय न ले पाना और बोलने में दिक्कत जैसी समस्‍या आती है।

शोधकर्ताओं ने अध्ययन चूहो पर किया।  

अल्जाइमर से पीड़ित लगभग 80 प्रतिशत लोगों को रात में सोने में कठिनाई और भ्रम जैसी समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूसी) सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के चूहों पर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि अल्जाइमर रोग में देखी जाने वाली सर्कैडियन गड़बड़ी को ठीक करना संभव है।

सेल मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित अध्ययन में जिन चूहों को अंतराल में भोजन दिया गया, उनकी याददाश्त में सुधार हुआ और मस्तिष्क में अमाइलॉइड प्रोटीन का संचय कम हुआ।

यूसी सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन में न्यूरोसाइंसेज विभाग में प्रोफेसर वरिष्ठ अध्ययन लेखक पाउला डेसप्लेट्स ने कहा कि कई वर्षों तक हम मानते रहे कि अल्जाइमर से पीड़ित लोगों में देखी जाने वाली सर्कैडियन गड़बड़ी न्यूरो डिजनरेशन का परिणाम है, लेकिन अब हम सीख रहे हैं कि सर्कैडियन गड़बड़ी अल्जाइमर रोग के मुख्य कारणों में से एक हो सकता है।

उन्होंने कहा कि हमारे निष्कर्ष इन विकारों को ठीक करने के तरीके प्रदान करते हैं।

शोधकर्ताओं ने अल्जाइमर रोग के एक माउस मॉडल में इस रणनीति का परीक्षण किया, चूहों को अंतराल में भोजन दिया, जहां उन्हें प्रत्येक दिन केवल छह घंटे की अवधि के भीतर खाने की अनुमति थी।

मनुष्यों के लिए इसका अर्थ प्रत्येक दिन लगभग 14 घंटे का उपवास होगा।

इस शोध में जिन चूहों को हर समय भोजन दिया जाता था, उसकी तुलना में जिन चूहों को अंतराल में भोजन दिया गया, उनकी याददाश्त बेहतर थी। वह रात में कम सक्रिय थे, अधिक नींद लेते थे। नींद के दौरान कम व्यवधान का अनुभव करते थे।

परीक्षण में चूहों ने याददाश्त पर बेहतर प्रदर्शन किया। यह इस बात की ओर इशारा करता है कि अंतराल में लिए गए भोजन से अल्जाइमर रोग को कम करने में मदद मिल सकती है।

शोधकर्ताओं ने चूहों में आणविक स्तर पर भी सुधार देखा। अंतराल में भोजन पाने वाले चूहों में शोधकर्ताओं ने पाया कि अल्जाइमर और न्यूरोइन्फ्लेमेशन से जुड़े कई जीन अलग-अलग तरीके से व्यक्त किए गए थे।

उन्होंने यह भी पाया कि आहार कार्यक्रम से मस्तिष्क में जमा होने वाले अमाइलॉइड प्रोटीन की मात्रा को कम करने में मदद मिली।

डेसप्लेट्स ने कहा कि अंतराल में किया गया भोजन एक ऐसी रणनीति है, जिसे लोग आसानी से अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं।

आईएएनएस
न्यूयॉर्क


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