कम से कम ग्रेजुएट तो हो हमारी बिटिया

Last Updated 10 Aug 2023 11:04:25 AM IST

भारत के 78 प्रतिशत ग्रामीण माता-पिता चाहते हैं कि उनकी बेटी स्नातक या उससे आगे की पढ़ाई करे। एक सर्वेक्षण में यह दावा किया है।


कम से कम ग्रेजुएट तो हो हमारी बिटिया

देश के 20 राज्यों के 6,229 परिवारों पर किए गए सर्वेक्षण के आधार पर ‘ग्रामीण भारत में प्राथमिक शिक्षा की स्थिति-2023’नामक रिपोर्ट को केंद्रीय शिक्षामंत्री धम्रेंद्र प्रधान ने यहां मंगलवार शाम को जारी किया।

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘बच्चों के लैंगिक वर्गीकरण का विश्लेषण करने पर संकेत मिला कि अभिभावकों का अपने बच्चों को तकनीकी डिग्री, स्नातक और परास्नातक डिग्री सहित उच्च शिक्षा दिलाने को लेकर समान झुकाव है, फिर चाहे उनकी संतान लड़की हो या लड़का।

82 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा कि वे लड़के को स्नातक या उससे आगे की पढ़ाई कराना चाहते हैं जबकि लड़कियों के बारे में यह राय रखने वाले 78 प्रतिशत रहे।’ सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि बीच में ही पढ़ाई छोड़ देने वाले बच्चों में एक चौथाई लड़के हैं जो प्राथमिक कक्षाओं में ही अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘तुलनात्मक रूप से पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या अधिक है और यह 35 प्रतिशत है। प्राथमिक शिक्षा पूरी कर पढाई छोड़ने वाले लड़कों और लड़कियों की दर अधिक (लड़कों में यह 75 प्रतिशत और लड़कियों में यह 65 प्रतिशत है) है।’

सर्वेक्षण के मुताबिक, ‘गांव या आसपास उच्च कक्षा के स्कूलों का नहीं होना बच्चों के पढ़ाई छोड़ने की उच्च दर का एक कारण हो सकता है क्योंकि संभव है वे प्राथमिक कक्षा की पढाई पूरी कर आगे पढ़ने के लिए दूर नहीं जा सकते हों।’

सर्वेक्षण के मुताबिक 62.5 बच्चों की मां पढ़ाई के मामले में उनका मार्गदर्शन करती हैं जबकि 49 प्रतिशत बच्चों के पिता यह जिम्मेदारी निभाते हैं।  यह बच्चों के घर में शैक्षणिक कायरें में माता-पिता के मार्गदर्शन और सहयोग को इंगित करता है।

भाषा
नई दिल्ली


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