चैत्र नवरात्र संग आज से नव संवत, मंदिरों में तैयारियां पूरी

Last Updated 13 Apr 2021 10:47:24 AM IST

नवसंवत संग वासंतिक या चैत्र नवरात्र की शुरुआत मंगलवार से एक बार फिर कोरोना महामारी के बीच हो रही है।


इस बार नौ दिनी नवरात्र के अगल–अलग दिनों में नौ गौरी के दर्शन–पूजन के विधान है।

नवरात्र कलश स्थापनाः चैत्र शुक्ल प्रतिपदा में कलश स्थापना‚ ध्वजारोहण करना एवं पंचांग का फलादेश सुनना व सुनाया जाना अतिशुभ रहेगा। इस बार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 12 अप्रैल को प्रातः 6.59 बजे लग रही है जो 13 को सुबह 8.47 बजे तक रहेगी। अतः 13 को प्रातः 5.43 बजे से 8.47 बजे के बीच घट स्थापन होगा।

इस बार नौ दिनों तक नवरात्र पड़़ने से ‘रामनवमी' 21 अप्रैल को मनायी जाएगी। निशीथ व्यापिनी अष्टमी योग 19 अप्रैल की रात में मिल रहा है जिसमें महानिशा पूजन आदि किया जाएगा। महाष्टमी व्रत 20 को रखा जाएगा।

वहीं चैत्र शुक्ल नवमी 21 की शाम 6.59 बजे तक है। इस दिन महानवमी व श्रीरामनवमी के व्रत के साथ दोपहर में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। नवरात्र का होम आदि 21 की शाम 6.59 बजे के पूर्व कर लेना होगा। कारण यह कि शाम सात बजे दशमी लग जाएगी।

नवरात्र व्रत पारण 22 को होगा।

मार्केट में रंग–बिरंगी चुनिरयांः पूजा सामग्री में माता की चुनरी का विशेष स्थान होता है। मार्केट में नवरात्र को देखते हुए चुनरियां लहराने लगी हैं। माता की चुनरी पर भी फैशन का रंग चढ़ने लगा है। दुकानों पर पचरंगी और सतरंगी चुनिरयों के साथ कई प्रकार की चुनरी दिखने लगी हैं। दुकानदारों की माने तो कोरोना महामारी के चलते इस बार भी नवरात्र के बाजार सुस्त है। आम दिनों की अपेक्षा नवरात्र में चुनरी की बिक्री दो गुना से तीन गुना हो जाता है लेकिन इस महामारी के चलते ग्राहक काफी कम आ रहे है।

गोटेदार चुनिरयों की डिमांड ज्यादाः सितारा लगी चुनरियां‚ घुंघरू वाली चुनरी‚ इंटरलॉक चुनरी सहित छोटे रूमाल *साइज चुनरी से लेकर साड़ी के साइज तक की चुनरी बाजार में उपलब्ध है। लेकिन आज भी सबसे ज्यादा डिमांड पुरानी गोटे वाली चुनरी की है। इसके साथ ही स्टोन वर्क *वाली चुनरी भी ग्राहकों को खासा आकÌषत करती है। इस बार चुनरी के दामों में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है।

नवरात्र के लिए नारियलः चैत्र नवरात्र पर देवी मंदिरों में चुनरी और माला–फूल के साथ नारियल भी प्रमुख रूप से चढ़ाया जाता है। इसके लिए हर साल नारियल की खपत आम दिनों की अपेक्षा नवरात्र में बढ़ जाती है।


नौ दिवसीय चैत्र नवरात्र आज से‚ मंदिरों में तैयारियां पूरी


आज से चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो रहा है। नौ दिवसीय उत्सव के लिए राजधानी के शक्तिपीठ‚ सिद्धपीठ और मंदिरों में विशेष तैयारियां की गई हैं।अधिकांश मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे‚ लेकिन इस दौरान मां के सभी स्वरूपों का हर दिन लाइव प्रसारण किया जाएगा।

ऐतिहासिक कालका जी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत के अनुसार इस बार वासंतिक नवरात्र नौ दिन का होगा।  13 से 21 अप्रैल तक नवरात्र मनाया जाएगा। इसमें मां दुर्गा के 9 स्वरूप (शैलपुत्री‚ ब्रह्मचारिणी‚ चंद्रघंटा‚ कुष्मांडा‚ स्कंदमाता‚ कात्यायनी‚ कालरात्रि‚ महागौरी व सिद्धिदात्री) की पूजा–अर्चना होगी। अलग–अलग दिन मां के विभिन्न रूपों की पूजा–अर्चना भी अलग–अलग व्रत–विधान से किए जाएंगे।

22 अप्रैल को व्रत का पारण होगा। इसे लेकर मंदिर में विशेष तैयारी की गई है‚ लेकिन कोरोना को देखते हुए कहीं भी रामनवमी अखाड़े का विसर्जन जुलूस भीड़भाड़ के साथ नहीं निकलेगा।

मंदिर में प्रवेश आनलाइन ई पास के जरिए ही दिया जाएगा। मास्क पहनना‚ सोशल डि़स्टेंसिंग‚ सेनेटाइजेशन जरूरी है। उधर‚ बद्री भगत झंडे़वाला देवी मंदिर को कोरोना के बढ़ते हुए खतरे को ध्यान में रखते हुए सोमवार को सायं आरती के बाद से दर्शनों के लिए अगले आदेश तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इस अवधि में मंदिर में केवल अर्चकों द्वारा पूजा पाठ का सीधा प्रसारण मंदिर के यूट्यूब और फेसबुक चैनल पैर किया जायेगा।

प्राचीन शिव मंदिर ड़ीड़ीयू मार्ग‚ राउज एवेन्यू रोड़ के महंत आदेश चतुर्वेदी के अनुसार मां भगवती का पूजन हर दिन विधि पूर्वक पूजन होगा। प्राचीन हनुमान मंदिर‚ कनाट प्लेस लेन में पं. सतीश शर्मा के आचार्यात्व में हर दिन भंड़ारा और मां भगवती का स्तुतिगान वैदिक विद्धान करेंगे।
 

सहारा न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली


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