CoronaVirus: दावे रोज नए पर नहीं पता कब नसीब होगी वैक्सीन!

Last Updated 09 May 2020 09:54:24 AM IST

कोरोना की वैक्सीन और दवा को लेकर दुनिया में रोज नए दावे हो रहे है लेकिन कोई देश और कंपनी यह सुनिश्चित नहीं कर पा रही कि रोगियों को यह दवा कब मिलेगी ॽ


वैसे कोरोना की 115 वैक्सीन परीक्षण के विभिन्न चरण में हैं। अमेरिका‚ चीन और ब्रिटेन जैसे देश जो वैक्सीन के ट्रॉयल में काफी आगे चले गए हैं वे भी कम से कम 12 से 18 महीने और मांग रहे हैं। यानी अभी लोगों को कोरोना के साथ जीने की आदत ड़ालनी पड़े़गी क्योंकि 2021 के मई से लेकर नवम्बर तक ही वैक्सीन के आने के आसार हैं। हालांकि वैक्सीन आने से पहले यह बहस भी तेज हो गई कि क्या यह सस्ती होगी और क्या यह सबको सुलभ होगी ॽ हालांकि वैक्सीन के दावे कितने सच्चे हैं यह किसी को नहीं पता। दरअसल चीन के विषय में कहा जाता है कि उसके चार वैक्सीनों का मानव पर परीक्षण जारी है।

अमेरिका कहता है कि उसके दो परीक्षण और ब्रिटेन और इटली कहते हैं कि उसका एक–एक परीक्षण चल रहा है। इस बीच इजराइल का दावा है कि उसका वैक्सीन लगभग तैयार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कुछ भी ठोस नहीं कहता जिससे उजाले की किरण साफ नहीं दिखाई देती। वैक्सीन में हो रही देरी के बीच भारत में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध मलेरिया की दवा हाईड्रोक्सिीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल किया जा रहा था। अब इबोलो की दवा रेमडे़सिवीर का जोर है‚ जिसे अमेरिका और जापान ने मान्यता दे दी है। भारत भी गंभीर रोगियों के लिए इस दवा को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है।

जहां तक भारत की बात है‚ उसका 30 अलग–अलग वैक्सीन पर काम चल रहा है और कुछ पुरानी दवाओं में भी कोरोना के इलाज की संभावनाएं देखी जा रही हैं। एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स इसकी निगरानी कर रही है‚ इसी हफ्ते प्रधानमंत्री ने स्वयं इसकी समीक्षा की है। वैक्सीन की रिसर्च और टेस्टिंग की लंबी प्रक्रिया है और इसमें आमतौर पर पांच से सात साल का समय लगता है। यह शायद पहली बार है कि पूरी दुनिया के वैज्ञानिक कम से कम समय में कोरोना की वैक्सीन लाने के लिए दिन–रात एक किए हुए हैं।

देश               दवा                                   निर्माता परीक्षण किस चरण में
अमेरिका     एमआरएनए–1273                                      मानव पर
अमेरिका    आईएनओ–4800                                         मानव पर
चीन          एड़ी5–एनसीओवी                                         मानव पर
चीन          एलवी–एसएमईएनपी–ड़ीसी                             मानव पर
चीन          पैथोजिन स्पैसिफिक एएपीसी                            मानव पर
ब्रिटेन        सीएचएड़ीओएक्स–१ (ऑक्सफोर्ड़ विवि )               मानव पर
ऑस्ट्रेलिया     आस्ट्रेलिया कामनवेल्थ
                सांइटिफिक एंड़ इंड्र्ट्रिरयल रिसर्च आर्गनाइजेशन    जानवर पर
इटली     स्पालजैनी अस्पताल /टेकिस     जानवर पर
इस्राइल     इस्राइल इंस्टीट्यूट फार वायोलॉजिकल रिसर्च          परीक्षण पूरा

रुचि लेने वाली कंपनियांः जॉनसन एंड़ जॉनसन‚ फाईजर‚मर्क‚ ग्लेक्सो स्मिथक्लाइन‚ मॉड़र्ना और इनोविया

रिसर्च में मदद कर रहे हैंः  (1) बिल गेट्स ने अरबों ड़ॉलर दिए हैं। (2) ब्रिटेन वैक्सीन विकसित करने पर 1.8 अरब ड़ॉलर तक खर्च कर रहा है

कारोबारः दवा का कारोबार 1.2 लाख करोड़़ ड़ॉलर का है जिसमें 40 अरब ड़ॉलर की हिस्सेदारी वैक्सीन की है‚ फाईजर और मर्क दवा कंपनियां वैक्सीन की 80 फीसद बिक्री करती हैं॥।

अजय तिवारी/एसएनबी
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment