मोटापा कई बीमारियों की जड़

Last Updated 24 Dec 2019 07:28:28 PM IST

ब्लड प्रैशर, शुगर, डिप्रेशन और कैंसर तक के रोग मोटापे के कारण होते हैं। हड्डियों के रोग भी भारी शरीर के कारण होते हैं। मोटापे को हल्के में न लें।


मोटापा बीमारियों की जड़

यह जानकारी डॉ. यशपाल सिंगला, बेरियाट्रिक सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. यशपाल सिंगला ने आज यहां गीतांजलि अस्पताल में पत्रकार वार्ता में दी। उनके साथ डॉ. पंकज बंसल ने मोटापा के आप्रेशन प्रक्रिया की जानकारी दी। उनके अनुसार मोटापे की समस्या का प्रमुख कारण आरामदायक जीवन शैली व सामाजिक आदतें जिनमें लोग बगैर नियांण के खाते हैं। लोगों में जंक फूड को खाने या फिर बूफे सिस्टम में ज्यादा खाने से यह समस्या होती है।
 
डॉ. सिंगला ने कहा कि यदि ज्यादा खाने के साथ शराब का सेवन भी किया जाता है तो यह बहुत बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। यह बीमारी वंशानुगत भी हो सकती है, इसलिए ऐसे लोगों को अपनी जीवन शैली व खानपान के तरीकों को बदलने के लिए हमेशा ही तत्पर रहना चाहिए। मोटापा बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है। आज की जीवनशैली में बच्चे दिनभर मोबाइल या फिर लैपटाप पर ज्यादा समय व्यतीत करते हैं ऐसे में यह मोटापा को बढ़ाता है। इससे न सिर्फ मोटापा का रिस्क पैदा होता है, बल्कि विटामिन डी की भी कमी होती है, जो कि मोटापा या फिर डायबिटीज दोनों में ही रिस्क फैक्टर है।
 
टाइप टू डायबिटीज के मरीजों के बारे में डॉ. सिंगला ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय हिदायतों के अनुसार भी मेटाबोलिक सर्जरी को टाइप टू डायबिटीज के मरीजों के लिए पहला इलाज बताया गया है। डायबिटीज और मोटापा एक ऐसी बीमारी है जो मेटाबोलिक सर्जरी के जरिए ठीक किया जा सकता है। सरकार भी इसको रोकने में मदद कर रही है। इसे रोकने के लिए फिट इंडिया मूवमेंट, नेशनल मानीटरिंग फ्रेमवर्क, आयुष्मान भारत आदि कार्यक्रमों को शुरू किया गया है।
 
डॉ. यशपाल सिंगला ने कहा कि मोटापा की बीमारी के इलाज में इंश्योरेंस कवरेज एक अहम कड़ी है। उनका अनुभव रहा है कि वित्तीय समस्या के कारण ज्यादातर मरीज मोटापे का इलाज कराने से परहेज करते हैं, लेकिन यह समझना चाहिए कि मोटापा एक गंभीर मेडिकल कंडीशन हैं। इसका इलाज इंश्योरेंस के जरिए करने से निश्चित रूप से ज्यादा से ज्यादा लोगों का फायदा होगा और वे इलाज के लिए सामने आएंगे।
 
उनके अनुसार मोटापे को लेकर भारत तीसरे बड़े देश के रूप में उभरकर सामने आया है। हरियाणा में अर्बन एरिया में एक तिहाई से ज्यादा लोग मोटापा की बीमारी से ग्रसित हैं। मोटापे के रोगियों में मेटाबोलिक सर्जरी से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, गठिया और कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। गैर-मोटापे के रोगियों में मधुमेह के उपचार के लिए मेटाबोलिक सर्जरी इलाज करने का एक प्रभावी तरीका है।


 
डॉ. सिंगला ने कहा कि सर्जरी लेप्रोस्कोपिक रूप से की जाती है, जिसके परिणामस्वरूप इस प्रकार की सर्जरी में कम जटिलताएं होती हैं और रोगियों को ठीक होने में बहुत कम समय लगता है और सर्जरी के उपरांत मरीज अपनी दिनचर्या में बेहतर महसूस करते हैं और बेहतर पारिवारिक, सामाजिक और कामकाजी जीवन जीते हैं। लोगों को सुबह उठते ही दो-तीन गिलास पानी पीना, चीनी की जगह गुड़ खाने, मोबाइल फोन बच्चों से दूर रखने और जंक फूड से बचने और शरीर का वजन न बढ़ने देने की सलाह दी।

वार्ता
हिसार


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