सोशल मीडिया से लड़कियों में अवसाद का खतरा दुगुना
सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा समय बिताने वाली किशोरियों के उनके हमउम्र लड़कों की तुलना में असवाद ग्रस्त होने का खतरा दुगुना होता है। एक नये अध्ययन में ऐसा दावा किया गया है।
सोशल मीडिया से लड़कियों में अवसाद |
अपनी तरह के पहले इस अध्ययन में सोशल मीडिया एवं अवसाद के लक्षणों के बीच संबंध देखा गया। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के शोधकर्ताओं ने करीब 11,000 युवाओं से प्राप्त डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि 14 साल की लड़कियां सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करती हैं। उनमें हर पांच में से दो किशोरियां सोशल मीडिया का हर पांच में से एक किशोर के मुकाबले प्रतिदिन तीन घंटे ज्यादा इस्तेमाल करती हैं।
सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा समय बिताने वाली किशोरियों के उनके हमउम्र लड़कों की तुलना में असवाद ग्रस्त होने का खतरा दुगुना होता है। एक नये अध्ययन में ऐसा दावा किया गया है।
वहीं 10 प्रतिशत लड़कों के मुकाबले केवल चार प्रतिशत लड़कियां ऐसी पाई गईं जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करती।
अध्ययन के परिणामों में पाया गया कि सोशल मीडिया का मामूली इस्तेमाल करने वाली 12 प्रतिशत और अधिक इस्तेमाल (प्रतिदिन पांच या उससे ज्यादा घंटे) करने वाली 38 प्रतिशत लड़कियों में गंभीर स्तर के अवसाद के लक्षण देखे गए।
यूसीएल के एक प्रोफेसर वोन्ने केली ने बताया, ‘‘लड़कों की तुलना में लड़कियों में सोशल मीडिया के प्रयोग और अवसाद के लक्षणों के बीच संबंध ज्यादा मजबूत देखा गया।’’ यह अध्ययन ईक्लिनिकल मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
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