भारत में बढ़ रहे हैं कैंसर रोगी

Last Updated 18 Dec 2017 05:40:26 AM IST

कैंसर एक घातक बीमारी है जो भारत को बेहद शांत और धीरे-धीरे अंदाज से निगल रहा है. यह जानलेवा बीमारी इस समय उफान पर है और हर बीतते दिन कई जिंदगियां हमसे छीन रहा है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है.


भारत में बढ़ रहे हैं कैंसर रोगी

आंकड़ों में कैंसर
अलग अलग रिपोर्ट्स के अनुसार ‘भारत में, लगभग 14.5 लाख लोग इस बीमारी के साथ पीड़ित हैं और 7 लाख से अधिक नए मामले हर साल पंजीकृत हो रहे हैं और कैंसर से संबंधित करीब 5,56,400 मौतें हर साल हो रही हैं. इसके अलावा अनुमान है कि कैंसर से संबंधित सभी मौतों में से 71 प्रतिशत का आयु वर्ग 30 से 69 साल के बीच है.’

महिलाओं में कैंसर
महिलाअं में कैंसर के मामलों के साथ ही मृत्यु दर में भी ज्यादा है. इसका मुख्य कारण कम जागरूकता और देर से पता लगना है. आंकड़ों के मुताबिक, ‘हमारा देश महिलाओं में कैंसर के मामलों में चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद तीसरा स्थान रखता है. पुरुषों में फेफड़ों, मुंह और पेट में कैंसर मृत्यु के प्रमुख कारण हैं जो लगातार अपना दायरा बढ़ा रहे हैं.

गांवों से ज्यादा शहरों में
नवजात शिशुओं से वृद्ध लोगों तक, हर कोई कैंसर के जोखिम के दायरे में होता है. हमारे शरीर पर हमला करने वाले कई प्रकार के कैंसर हैं. वे हमारे लिंग या उम्र में कोई  भेदभाव नहीं करते हैं. बदलती जीवन शैली और पश्चिमी जीवन शैली की नकल के कारण ग्रामीण इलाकों के मुकाबले बड़े शहरों में कैंसर के मामले अधिक सामने आ रहे हैं. इसलिए बेहतर होगा कि आप एक स्वस्थ आहार लें, अच्छी तरह व्यायाम करें अर कैंसर से राहत प्राप्त करें.


कुछ और कारण
भारत में कैंसर की वृद्धि पर होने के कुछ स्पष्ट कारणों में तंबाकू का बढ़ता उपयोग, पराबैंगनी विकिरण के सामने अधिक आने, कार्सिनोजेनिक रसायनं की खपत अर ऐसे भजन का उपभग प्रमुख हैं. इसके अलावा एक्सरे और आयोनाइजिंग विकिरण के संपर्क में आने से भी कैंसर का जोखिम हो सकता है.


डेंड्रिक सेल्स के सहारे होता है इलाज
अर्टिमिस हॉस्पिटल, गुड़गांव के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. हरि गोयल के मुताबिक सबसे हालिया, आविष्कारिक और रोमांचक कैंसर उपचार में से एक ये नई प्रक्रिया इम्यूनोथैरपी है जो कि ‘डेंड्रिक सेल्स’ के साथ की जाती है. इसने कैंसर के रोगियों के लिए आशा की एक नई किरण दिखाई है. अमेरिका में प्रोस्टेट अर अग्नाशय के कैंसर के उपचार के लिए इम्यूनोथेरपी के प्रयोग के लिए एफडीए की स्वीकृति मिली है.


इस तरह भी हो सकता है इलाज
कैंसर के प्रभाव और प्रगति को ध्यान में रखते हुए, इम्यूनथेरेपी कैंसर के उपचार का एक नया माध्यम है. इम्यूनोथेरेपी पर काम करने वाले वैज्ञानिकों ने मूल रूप से शरीर के स्वयं के बचाव की क्षमता का उपयोग करते हुए इसे कैंसर के खिलाफ मुकाबले करने के लिए तैयार करने का एक अलग माध्यम अपनाया है. सदियों से ऐसा करना एक प्रमुख मेडिकल वैज्ञानिकों की आकांक्षा है जो अब एक वास्तविकता बन गया है!

इस तरह होता है इलाज
डा. गोयल के मुताबिक इम्यूनोथेरेपी दवा का इंजेक्शन लगाने की तरह है. ये सुविधा मूल रूप से एक विशेष प्रकार का टीकाकरण प्रदान करती है, जो कि किसी भी प्रकार के कैंसर (रक्त कैंसर को छड़कर) में किसी भी स्तर पर इलाज के लिए जरूरी है. यह एक अनूठा टीकाकरण है जो रोगी के रक्त से बनाकर लगाया जाता है जिससे उनकी प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ जाती है और इस रोग के स्वाभाविक रूप से ठीक करने में मदद मिलती है.

 

 

प्रस्तुति : मुफीज जिलानी


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