सावधान! चिकनगुनिया के शिकार हुए लोगों को हो सकता आर्थराइटिस
अगर आप चिकनगुनिया से गंभीर रूप से पीड़ित हैं तो आर्थराइटिस होने की आशंका अधिक बढ़ जाती है
![]() चिकनगुनिया से हो सकता है आर्थराइटिस (फाइल फोटो) |
और अगर आप आर्थराइटिस के मरीज हैं और चिकनगुनिया हो जाता है तो आप का आर्थराइटिस और गंभीर हो सकता है, इसलिए अगर तीन चार सप्ताह में चिकनगुनिया का दर्द ठीक नहीं होता तो आप डॉक्टर को जरूर दिखाएं.
चिकनगुनिया का प्रकोप : ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान’ में रूमेटोलॉजी विभाग की अध्यक्ष और वि स्वास्थ्य संगठन के डॉक्टरों ने कहा कि चिकनगुनिया से आर्थराइटिस के मरीजों में वृद्धि हुई है.
चिकनगुनिया तीन-चार सप्ताह में ठीक हो जाता है : चिकनगुनिया तीन-चार सप्ताह में ठीक हो जाता है. इसके बाद भी किसी को जोड़ों या पैरों में दर्द रहता है तो उसको आर्थराइटिस होने की आशंका 40 फीसदी बढ़ जाती है, इसलिए उसे डॉक्टर को फौरन दिखाना चाहिए लेकिन किसी हड्डी के डॉक्टर को नहीं बल्कि रूमेटोलॉजी डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
प्रदूषण और बैक्टीरिया संक्रमण के कारण आर्थराइटिस : जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और बैक्टीरिया संक्रमण के कारण आर्थराइटिस के मरीजों की संख्या देश में बढ़ती जा रही है और पिछले साथ आठ वर्षो में यह संख्या दो गुनी हो गई है. इस समय देश में एक करोड़ 80 लाख मरीज आर्थराइटिस के शिकार हो गए हैं.
जागरुकता बढ़ने से अधिक लोग अस्पतालों जाने लगे : पिछले सात आठ सालों में इस रोग को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ने से अधिक लोग अस्पतालों में इलाज कराने लगे हैं. पहले तो ये लोग हड्डी के डॉक्टर से ही अपना इलाज कराते थे जबकि वे इस रोग के विशेषज्ञ नहीं हैं.
हल्के से लेते हैं : दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य के बाद इस रोग के ही अधिक मरीज हैं लेकिन लोगों के साथ-साथ सरकार में इस रोग को लेकर उतनी जागरुकता नहीं है जिसके कारण देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भयंकर कमी है और इस रोग को लोग हल्के से लेते हैं.
दिल, पक्षाघात, गेंगरीन व विकलागंता : इस रोग से दिल का दौरा पढ़ने का ढाई गुना अधिक खतरा बढ़ जाता है और पक्षाघात भी बढ़ जाता है तथा लोगों को दौरे भी पड़ने लगते हैं एवं गेंगरीन भी हो जाता है. इसके अलावा विकलांगता के खतरे भी बढ़ जाते हैं. कई बार आंखों की रोशनी भी चली जाती है, बाल गिरने लगते हैं
तथा बार-बार गर्भपात भी हो जाता है. दएजेंसी
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