तपेदिक से बच्चों की मौत भारत में सबसे अधिक
तपेदिक से बच्चों की मौत का आंकड़ा भारत में सबसे अधिक है. लैंसेट के एक अध्ययन में कहा गया है कि साल 2015 में तपेदिक से 55,000 से अधिक बच्चों की मौत हुई.
![]() (फाइल फोटो) |
एक आंकड़े के अनुसार साल 2015 में दुनिया भर में 10 लाख से अधिक बच्चे तपेदिक से प्रभावित थे. बच्चों में तपेदिक का पता लगाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि इसमें कुछ बेहद संवेदनशील जांच होती है और इस बीमारी का कोई तय लक्षण नहीं है.
कम उम्र के बच्चों में इस बीमारी के गंभीर रूप में होने की आशंका ज्यादा होती है, हालांकि पांच साल से कम उम्र के बच्चों की इस बीमारी के कारण मौत की दर का कोई अनुमानित आंकड़ा नहीं है.
ब्रिटेन में शेफील्ड विविद्यालय के पेटे डोड ने कहा, हमारा अनुमान है कि 2015 में 217 देशों में 14 साल की उम्र तक 239,000 बच्चों की मौत तपेदिक की वजह से हुई. इनमें से 80 फीसदी बच्चे पांच साल से कम उम्र के थे. इस आयु के बच्चों की मौत की 10 प्रमुख वजहों में तपेदिक भी शामिल रहा.
आंकड़े के अनुसार जिन बच्चों की मौत हुई उनमें 96 फीसदी से अधिक बच्चों का इस बीमारी का उपचार नहीं हुआ.
सबसे ज्यादा मौतें भारत, नाइजीरिया, चीन, इंडोनेशिया और कांगो में हुई.
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