खूबसूरत पांखी के अरमानों को थाईलैंड में लगे पंख
उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले की एक बेटी ने थाईलैंड में आयोजित मिस एंड मिसेज इंडिया- एशिया पैसिफिक सौंदर्य प्रतियोगिता 2017 में उपविजेता का ताज हासिल किया है.
![]() मिस एंड मिसेज इंडिया-एशिया पैसिफिक फस्ट रनर अप पांखी (फाइल फोटो) |
अखंडनगर ब्लाक के छोटे से गांव बसैतिया के रहने वाली पांखी (16) की इस उपलब्धि से इलाके में खुशी का माहौल है. पिछली 14 अगस्त को थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में जब इस प्रतियोगिता का फाइनल हुआ तो उसने साबित कर दिया कि प्रतिभायें सिर्फ बड़े शहरों या बड़े महलों में ही नही होतीं. फैशन डिजाइनर दीपिका के परिधानों को पहन कर पहली बार पांखी रैम्प पर उतरी तो देखने वाले हैरान रह गये. निर्णायक मंडल भी आश्चर्यचकित रह गया.
परिजनों ने बताया इस प्रतियोगिता के फाइनल राउंड में पांखी के अलावा दुबई, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड और श्रीलंका की 30 सुन्दरियां रैम्प पर उतरी थीं. इसमें सिंगापुर की श्रुति को मिस एंड मिसेज इंडिया-एशिया पैसिफिक का विजेता चुना गया जबकि पांखी को फस्ट रनर अप और मलेशिया की क्षिब्रा टुबके सेकेंड रनर-अप चुनी गईं.
पांखी के पिता तीर्थराज जिले के कूड़ेभार सामुदायिक केन्द्र पर बतौर फीजियोथिरेपिस्ट तैनात हैं. चाचा सुरेश कुमार सलतानपुर जिला अस्पताल के टीवी विभाग में सीनियर पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत है. घर से दूर नौकरी के चलते इन्होने बेटी पांखी को पढने के लिये बनारस भेज दिया था. जहां से डीएलडब्लू कालेज से पिछले साल पांखी ने इन्टरमीडियेट की परीक्षा पास की.
बचपन से ही मॉडलिंग की शौकीन रही पांखी ने वाराणसी के नाटी इमली संस्थान में मॉडलिंग और फैशन डिजाइनिंग सीखना शुरू किया. गृहणी मां दीपा को जब उसने माडलिंग की इच्छा जाहिर की तो दुनिया की इस चकाचौंध से अनजान मां ने कहा जो मर्जी हो करो लेकिन कुछ ऐसा न करना जिससे उसके परिवार का सिर झुक जाए.
मां की इस दुआ के साथ पांखी अपनी तैयारी में लग गयी जिसकी मेहनत और लगन रंग लाई. नतीजा यह हुआ कि महज छह महीनों में ही जब दिल्ली में उसका ऑडीशन हुआ तो वह पहली बार में ही सेलेक्ट हो गई.
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