घुटना बदलवाना 70 प्रतिशत हुआ सस्ता, सरकार ने तय किए आपरेशन के दाम

Last Updated 17 Aug 2017 09:24:20 AM IST

केंद्र सरकार ने घुटने के प्रत्यारोपण के लिए होने वाले खर्च में 70 प्रतिशत कमी करते हुए इसे डेढ़ लाख रुपए से 55000 रुपए कर दिया है.


घुटना बदलवाना हुआ सस्ता

सरकार ने लोगों को किफायती दर पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए घुटना बदलवाने के दौरान लगाये जाने वाले उपकरणों की अधिकतम कीमत आज से नियंत्रित कर दी हैजिससे इस आपरेशन पर खर्च की जाने वाली कुल राशि में भारी कमी आयेगी तथा इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी.
 
रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नेशनल फार्मा प्राइसिंग आथरिटी (एनपीपीए) ने घुटना बदलवाने के दौरान मरीजों से की जाने वाली ‘लूट’ को  रोकने के लिए इसके विभिन्न आपरेशन में लगाये जाने वाले उपकरणों का मूल्य नियंत्रित कर दिया है.

देश में घुटना बदलवाने के लिए 80 प्रतिशत लोग कोबाल्ट क्रोमियम आपरेशन कराते हैं. अभी तक इस आपरेशन में लगाये जाने वाले उपकरण का अधिकतम औसत मूल्य एक लाख 58 हजार रुपए से ढाई लाख रुपए तक था लेकिन अब इसका अधिकतम मूल्य 54720 रुपए तय किया गया है. इस कीमत पर वस्तु एवं सेवा कर अलग से होगा. इस तरह इसके औसत मूल्य में 65 प्रतिशत की कमी आयेगी.



घुटना बदलवाने के लिए पांच प्रकार के आपरेशन कराये जाते हैं. टाइटेनियम एंड आक्सीडाइज्ड जीरकोनियम आपरेशन में लगने वाले उपकरण का मूल्य ढाई लाख से साढे चार लाख रुपये तक लिया जाता था लेकिन अब इसका अधिकतम मूल्य 76600 रुपए तय किया गया है.

हाई फ्लैक्सीबिलिटी इम्प्लांट आपरेशन में लगाये जाने वाले उपकरण का मूल्य एक लाख 81 हजार 728 रुपए लिया जाता था जिसे अब अधिकतम 56490 रुपए कर दिया गया है. इस तरह से इन आपरेशनों के कुल खर्च में भारी कमी आयेगी.



कुमार ने कहा कि कुछ लोगों को घुटना बदलवाने के बाद दूसरा आपरेशन भी कराना पडता है. रिवीजन इम्प्लांट ऑपरेशन पहली बार घुटना बदलवाने के दस वर्ष या उसके बाद होता है. इस आपरेशन में लगाये जाने वाले उपकरण का अधिकतम मूल्य दो लाख 75 हजार रुपए से साढ़े छह लाख रुपए तक लिया जाता था लेकिन अब इसका  मूल्य एक लाख तेरह हजार 950 रुपए कर दिया गया है. कैंसर और ट्यूमर के लिए स्पेशल इम्प्लांट उपकरण का अधिकतम मूल्य एक लाख 13 हजार 950 रुपए निर्धारित किया गया है.

उन्होंने कहा कि सालाना लगभग डेढ लाख लोग घुटना बदलवाते हैं और इस पर भारी रकम खर्च की जाती है लेकिन उपकरणों की कीमतों में की गयी कमी से सालाना लोगों को 1500 करोड रुपए की बचत होगी. घुटनों के बदलवाने में लगाये जाने वाले उपकरणों के व्यापार में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का बर्चस्व है और वे इसका मनमानी कीमत वसूलते हैं.

उन्होंने कहा कि जो भी कम्पनी, आयातक, डीलर, विक्रेता और अस्पताल सरकार के आदेश का उल्लंघन करेंगे उनसे 18 प्रतिशत ब्याज के साथ पैसा वसूला जायेगा. इतना ही नहीं गंभीर अपराध पर लाइसेंस भी निलंबित किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि वि स्वास्थ्य संगठन ने 2020 तक  देश में ऑस्टियो ऑर्थराइटिस के मरीजों के बढने की संभावना व्यक्त की है.

 

वार्ता


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