व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को नोबेल शांति पुरस्कार समिति की आलोचना करते हुए उस पर वैश्विक शांति में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के योगदान को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।

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ट्रंप विभिन्न असत्यापित दावों के आधार पर इस सम्मान को पाने की कोशिश करते रहे हैं, जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने का दावा भी शामिल है।
व्हाइट हाउस अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास और कार्यालय है।
व्हाइट हाउस के संचार निदेशक स्टीवन चेउंग ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘नोबेल समिति ने साबित कर दिया है कि वे राजनीति को शांति से अधिक प्राथमिकता देते हैं।’ यह बात वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार का विजेता घोषित किए जाने के कुछ घंटों बाद कही गई।
चेउंग ने कहा कि ट्रंप ‘शांति समझौते कराना, युद्ध समाप्त कराना और लोगों की जान बचाना जारी रखेंगे। उनका हृदय मानवतावादी है।’
चेउंग की टिप्पणी के कुछ ही देर बाद, ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को धन्यवाद दिया, जिन्होंने नोबेल पुरस्कार न जीतने के बावजूद उनके शांति प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने लिखा, ‘राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद!’
एक प्रश्न के उत्तर में पुतिन ने ताजिकिस्तान के दुशांबे में संवाददाताओं से कहा कि ट्रंप वर्षों और यहां तक कि दशकों से चले आ रहे जटिल संकटों को हल करने के लिए बहुत प्रयास कर रहे हैं।
ट्रंप शांति समझौतों, विशेष रूप से अब्राहम समझौते, के माध्यम से इजराइल और कई अरब देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने का श्रेय लेते रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कई बार कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष सहित ‘आठ युद्धों’ को समाप्त कराने के लिए वह नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं।
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