हमारा देश दक्षिण कोरिया को कभी कूटनीतिक साझेदार के रूप में नहीं देखेगा: किम जोंग उन की बहन
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने कहा कि उनका देश कभी भी दक्षिण कोरिया को कूटनीतिक बातचीत के लिए एक साझेदार के रूप में नहीं देखेगा। सरकारी मीडिया ने बुधवार को यह जानकारी दी।
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उनके इस बयान को सियोल की ओर से संबंध सुधारने की नयी कोशिशों पर ताजा टिप्पणी के रूप में देखा जा रहा है।
किम जोंग उन की विदेश नीति के शीर्ष अधिकारियों में से एक किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के जारी सैन्य अभ्यास को हमले की तैयारी बताया और कहा कि शांति की कोशिशों के पीछे सियोल की उत्तर कोरिया के खिलाफ ‘‘बुरी मंशा छिपी’’ है।
उत्तर कोरिया की सरकारी ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने खबर में बताया कि उन्होंने यह टिप्पणी मंगलवार को विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक के दौरान की।
इस बैठक में उन्होंने विरोधियों से लगातार खतरों और तेजी से बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य के बीच अपने भाई की कूटनीतिक रणनीतियों पर चर्चा की।
इससे पहले, सोमवार को उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच जारी सैन्य अभ्यास की निंदा की, साथ ही दुश्मनों का मुकाबला करने के लिए देश की परमाणु ताकत को तेजी से बढ़ाने का संकल्प लिया था।
दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने सोमवार को अपना वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘उल्ची फ्रीडम शील्ड’ शुरू किया। दोनों देशों का यह अभ्यास परमाणु-हथियार संपन्न उत्तर कोरिया से उत्पन्न खतरों का बेहतर ढंग से मुकाबला करने की तैयारियों का हिस्सा है।
यह 11 दिवसीय अभ्यास साल में दो बार होने वाले बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास में से दूसरा है। इसमें 21,000 सैनिक शामिल हैं, जिनमें 18,000 दक्षिण कोरियाई हैं और इसमें कंप्यूटर-आधारित कमांड पोस्ट संचालन तथा मैदानी प्रशिक्षण शामिल हैं।
दक्षिण कोरिया और अमेरिका का कहना है कि यह अभ्यास रक्षात्मक है, लेकिन उत्तर कोरिया लंबे समय से इन्हें हमले की तैयारी बताता आया है और अक्सर ऐसे मौकों पर हथियार परीक्षण करता है।
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