America Airstrike on Iran: डोनाल्ड ट्रंप का दावा- ईरान के सभी परमाणु ठिकानों को ‘भारी क्षति’

Last Updated 23 Jun 2025 11:20:07 AM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा है कि अमेरिका के हमले में ईरान के परमाणु केंद्रों को ‘‘भारी क्षति’’ पहुंची है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है।


उन्होंने लिखा, ‘‘बहुत नुकसान पहुंचा है।’’

अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने कहा है कि वे हमले में हुए नुकसान का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।

ईरान ने भी यह नहीं बताया है कि हमले में उसे कितना नुकसान हुआ है। ईरान ने इजराइल के साथ युद्ध में इजराइल की ओर से किए गए हमलों के बारे में कोई विवरण नहीं दिया है।

ईरान ने संभवतः अमेरिकी हमलों से पहले परमाणु केंद्रों के पास बनी सुरंगों को भर दिया था।

अमेरिका के एक परमाणु अप्रसार संगठन द्वारा उपग्रह तस्वीरों के विश्लेषण से पता चलता है कि ईरान ने संभवतः रविवार की सुबह अमेरिकी हमलों से पहले इस्फहान में अपने परमाणु स्थल पर बनी सुरंगें भर दी हैं।

अमेरिका स्थित ‘इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी’ ने ‘एयरबस’ द्वारा ली गई उपग्रह तस्वीरों को प्रकाशित किया, जिसमें शुक्रवार को परमाणु केंद्र पर सुरंगों में ट्रकों से मिट्टी भरते देखा जा सकता है।

संगठन ने कहा कि अमेरिकी हमले ने संभवतः सुरंग के प्रवेश द्वारों को निशाना बनाया।

संगठन के अनुसार, ‘‘चार सुरंगों में से कम से कम तीन के प्रवेश द्वार ढह गए हैं। चौथे की स्थिति स्पष्ट नहीं है।’’

माना जाता है कि ईरान ने अमेरिकी हमले से पहले अपने भूमिगत फोर्दो संवर्धन केंद्र में सुरंगों को भर दिया था। ऐसा संभवत: हमलों से केंद्र को बचाने के लिए किया गया था।

इस बीच, ‘इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी’ ने कहा कि इस्फहान केंद्र पर अमेरिकी क्रूज मिसाइल हमले ने संभवतः इसके यूरेनियम रूपांतरण केंद्र को नष्ट कर दिया।

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि उनकी सरकार ने अमेरिकी हमलों का समर्थन किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकने के लिए कार्रवाई का समर्थन करते हैं।’’

सोमवार को चैनल ‘नाइन न्यूज’ पर प्रसारित अपनी टिप्पणी में वोंग ने कहा, ‘‘आखिरकार हम तनाव कम होते देखना चाहते हैं और कूटनीति चाहते हैं।’’

हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या हमले के लिए ऑस्ट्रेलियाई उपग्रह संचार या ‘सिग्नल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल अमेरिका द्वारा किया गया था या नहीं।

दोनों देश खुफिया सूचना साझा करने के लिए ‘फाइव आईज’ साझेदारी के सदस्य हैं।

वोंग ने कहा कि अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि ‘‘यह एकतरफा हमला था।’’
 

एपी
वाशिंगटन


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