डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- ईरान को परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए मनाने में मदद करे कतर

Last Updated 15 May 2025 01:03:07 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोबारा सत्ता संभालने के बाद अपनी बड़ी विदेश यात्रा के लिए खाड़ी देशों में पहुंचे हैं। मध्य एशिया के तीन देशों की अपनी यात्रा के तहत ट्रंप कतर पहुंचे हैं।


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कतर से आग्रह किया कि वह ईरान पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके परमाणु कार्यक्रम के संबंध में उसे अमेरिका से समझौता करने के लिए मनाए।

मध्य एशिया के तीन देशों की अपनी यात्रा के तहत कतर पहुंचे ट्रंप ने उनके सम्मान में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल सानी की ओर से आयोजित रात्रि भोज के दौरान यह अपील की।

कतर बीते कई वर्ष से अमेरिका और ईरान व उसके सहयोगियों के साथ बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। कतर ने गाजा में 19 महीने से जारी युद्ध के दौरान ईरान समर्थित हमास की इजराइल के साथ वार्ता में भी अहम भूमिका निभाई थी।

ट्रंप ने रात्रिभोज के दौरान कहा, “मुझे उम्मीद है कि आप ईरान की स्थिति को लेकर मेरी मदद कर सकते हैं। यह एक खतरनाक स्थिति है, और हम सही काम करना चाहते हैं।”

ट्रंप चाहते हैं कि ईरान छद्म चरमपंथी समूहों को समर्थन देना बंद करे।

इससे पहले ट्रंप ने बुधवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में खाड़ी सहयोग परिषद की बैठक में नेताओं से कहा था कि वह समझौता करना चाहते हैं, लेकिन ईरान को पूरे मध्य एशिया में छद्म समूहों को समर्थन देना बंद करना होगा।

अमेरिका और ईरान के बीच 2015 में समझौता हुआ था, जिसके तहत ईरान ने यूरेनियम संवर्धन में काफी हद तक कमी लाने और इसे 3.67 प्रतिशत तक सीमित करने पर सहमति जतायी थी। लेकिन ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान यह समझौता निरस्त हो गया था।

फिलहाल ईरान 60 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन करता है, जो हथियार बनाने के लिए आवश्यक यूरेनियम संवर्धन स्तर के करीब है। अगर वह कई परमाणु बम बनाना चाहे तो उसके पास पर्याप्त मात्रा में यूरेनिमय का भण्डार मौजूद है।

कतर के अमीर ने फॉक्स न्यूज चैनल से बुधवार रात कहा कि “हम चाहते हैं कि यह क्षेत्र परमाणु मुक्त रहे। हम क्षेत्र में परमाणु होड़ सहन नहीं कर सकते।”

उन्होंने कहा, “लेकिन ईरान को असैन्य परमाणु ऊर्जा हासिल करने का अधिकार है, जिससे क्षेत्र के सामने किसी तरह की चुनौती या खतरा न खड़ा हो।”

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा कूटनीति के माध्यम से हल होना चाहिए।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर पिछले महीने की शुरुआत के बाद से अमेरिका और ईरान के बीच चार दौर की वार्ता हो चुकी है।
 



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