यूक्रेनी परमाणु संयंत्र में विद्युत आपूर्ति फिर से बाधित
परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल पर नजर रखने वाली संयुक्त राष्ट्र (United State) की एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि यूक्रेन (Ukraine) के जापोरिझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Zaporizhzhia Nuclear Power Plant) में बाह्य विद्युत आपूर्ति बाधित हो जाने के बाद सोमवार को फिर से आपातकालीन डीजल जनरेटर का इस्तेमाल करना पड़ा।
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यह संयंत्र यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा स्टेशन है। यूक्रेन पर रूस के हमला करने के बाद से इस संयंत्र में सातवीं बार बाह्य विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने ट्वीट किया, ‘संयंत्र में परमाणु सुरक्षा की स्थिति बहुत कमजोर है।’
ग्रोसी ने यूक्रेनी और रूसी बलों के बीच जारी लड़ाई (Fighting continues between Ukrainian and Russian forces) से इस क्षेत्र को दूर रखने की फिर से अपील करते हुए कहा, ‘हमें संयंत्र की रक्षा करने पर सहमत होना चाहिए और यह स्थिति बरकरार नहीं रखी जा सकती।’
संयंत्र के छह परमाणु रिएक्टर को गोलाबारी या रॉकेट हमले के प्रभाव से बचाने के लिए अवरोधक लगाए गए हैं, लेकिन विद्युत आपूर्ति बाधित होने से रिएक्टर की सुरक्षा के लिए आवश्यक शीतलन प्रणाली ठप पड़ सकती है। आपातकालीन डीजल जनरेटर भरोसेमंद नहीं है।
संयंत्र के पास जारी लड़ाई और विशेषकर तोपों के इस्तेमाल ने 1986 में हुई चेनरेबिल जैसी आपदा की आशंका पैदा कर दी है। उस समय एक रिएक्टर के फट जाने से एक बड़े इलाके में तबाही मच गई थी। यह दुनिया का सबसे भयंकर परमाणु हादसा था।
यूक्रेन की सरकारी परमाणु कंपनी एनेरगोएटम (energoatom zaporizhzhia) ने कीव से करीब 500 किलोमीटर दूर और रूस के कब्जे वाले दक्षिणी यूक्रेन में संयंत्र तक जाने वाली आखिरी हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन में गड़बड़ी के लिए रूसी गोलाबारी को दोषी ठहराया।
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