यूक्रेन के लिए आगामी दस दिन अहम

Last Updated 15 Feb 2022 05:39:01 AM IST

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की आशंका के बीच यह संकट एक ऐसे अहम बिंदु पर पहुंच रहा है, जहां यूरोपीय स्थिरता और पूर्व-पश्चिम के संबंधों का भविष्य अधर में लटका है।


यूक्रेन के लिए आगामी दस दिन अहम

आगामी सप्ताह में होने वाले घटनाक्रम यह तय करेंगे कि क्या यह गतिरोध शांतिपूर्ण तरीके से सुलझेगा या यूरोप में युद्ध होगा। यूरोप में शीतयुद्ध के बाद की सुरक्षा व्यवस्था और वहां परंपरागत सैन्य एवं परमाणु बलों की तैनाती पर लंबे समय से निर्धारित सीमा संरचना इस संकट के कारण दांव पर है।

जॉर्जिया में अमेरिका के पूर्व राजदूत इयान केली ने कहा, ‘आगामी 10 दिन अहम होंगे’। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व वाले प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है और अमेरिका की खुफिया जानकारी के अनुसार संभवत: वह बुधवार को हमला करेगा। अमेरिका यूक्रेन की राजधानी कीव से अपने लगभग सभी दूतावास कर्मियों को वापस बुला रहा है।

बाइडन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को फोन पर वार्ता की थी, लेकिन इससे तनाव कम करने में कोई मदद नहीं मिली। बाइडन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रविवार को बात की। मॉस्को के ‘हायर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ में ‘सेंटर फॉर यूरोपियन रिसर्च’ के प्रमुख टिमोफेई बोर्दाचेव ने कहा, ‘रूस और अमेरिका यूरोपीय व्यवस्था के भविष्य के आकार के संदर्भ में अपने हितों के संघर्ष के चरम पर पहुंच रहे हैं।’

अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने रूस की मुख्य सुरक्षा मांगों को खारिज कर दिया है, जिसका मॉस्को औपचारिक जवाब दे सकता है। यूक्रेन के निकट सैन्य बलों की तैनाती के तहत बेलारूस में रूस सैन्य अभ्यास कर रहा है।

ऐसा माना जा रहा है कि चीन में शीतकालीन ओलंपिक के समापन तक रूस युद्ध नहीं करेगा और इन खेलों का आयोजन 20 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। बहरहाल, अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि आक्रमण इससे पहले हो सकता है। बाइडन ने रूस के राष्ट्रपति से यूक्रेन की सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिकों के जमावड़े को हटाने के लिए शनिवार को फिर से कहा और रूस को चेतावनी दी कि अगर वह यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो अमेरिका और उसके सहयोगी ‘दृढ़ता से जवाब देंगे और उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।’

पुतिन ने पश्चिम को आगाह किया है कि वह यूक्रेन को नाटो से बाहर रखने की मांग से पीछे नहीं हटेंगे। बोर्दाचेव ने कहा कि रूस की मांगों और अमेरिका द्वारा उन्हें खारिज किए जाने के कारण संघर्ष की आशंका बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ निकट संबंधों के कारण मॉस्को की स्थिति मजबूत हो गई है।

एपी
वाशिंगटन


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