राष्ट्रपति बाइडेन की यूक्रेन पर नई चेतावनी, कहा- अगर रूस ने किया हमला तो गैस पाइपलाइन बाधित कर दी जाएगी

Last Updated 08 Feb 2022 11:46:02 AM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज से सोमवार को मुलाकात की और आगाह किया कि यदि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो अहम गैस पाइपलाइन ‘नोर्ड स्ट्रीम 2’ को बाधित कर दिया जाएगा।


 पुतिन और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने मॉस्को में पांच से अधिक घंटों तक मुलाकात की। इसी दौरान बाइडन और शोल्ज ने यूक्रेन के संकट से निपटने के प्रयासों के तहत व्हाइट हाउस में वार्ता की। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर हजारों सैन्य बलों को तैनात किया है और वह लगभग रोजाना अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है।

बाइडन ने कहा, ‘‘यदि रूस हमला करता है, यानी यदि टैंक और बल फिर से यूक्रेन की सीमा पार करते हैं, तो (रूस से जर्मनी के बीच) नोर्ड स्ट्रीम 2 नहीं रहेगी। हम इसे रोक देंगे।’’

इससे न केवल रूस को आर्थिक नुकसान होगा, बल्कि जर्मनी की भी मुश्किलें बढ़ेंगी। पाइपलाइन का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन इसे अभी चालू नहीं किया गया है।

बाइडन ने कहा, ‘‘हम सभी तैयार हैं, पूरा नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) तैयार है।’’

बाइडन ने दृढ़ता से दोहराया कि पाइपलाइन को बाधित किया जाएगा, जबकि शोल्ज ने संकट को कम करने के लिए रूस पर दबाव डालने की खातिर प्रतिबंधों को लेकर कुछ अस्पष्टता रखने की आवश्यकता पर बल दिया।

शोल्ज ने कहा, ‘‘रूस के लिए यह समझना आवश्यक है कि उसने जो सोचा है, उससे भी कहीं अधिक बुरा हो सकता है।’’

इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि रूस के सैन्य खतरे के बीच आवश्यक राजनयिकों को छोड़कर अन्य अमेरिकियों के लिए यूक्रेन छोड़ देना समझदारी होगी। बाइडन ने व्हाइट हाउस में शोल्ज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में कार्यरत अपने गैर जरूरी कर्मियों को वहां से लौटने के लिए अनुमति दे दी है और राजनयिकों के परिवार के सभी सदस्यों से भी वहां से लौट आने की अपील की है।

यूक्रेन के पास लगभग एक लाख रूसी बलों की तैनाती ने पश्चिमी देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, जो इसे संभावित आक्रमण की शुरुआत के तौर पर देख रहे हैं। हालांकि, रूस ने अपने पड़ोसी देश पर हमले की किसी भी योजना से इनकार किया है, लेकिन वह अमेरिका और उसके सहयोगियों पर यूक्रेन या किसी अन्य पूर्व-सोवियत देश को नाटो में शामिल होने से रोकने का दबाव बना रहा है। रूस ने क्षेत्र में हथियारों की तैनाती रोकने और पूर्वी यूरोप से नाटो बलों को वापस बुलाने की भी मांग की है। अमेरिका और नाटो ने रूस की मांगों को खारिज कर दिया है।

भाषा
वाशिंगटन


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