ताइवान की राष्ट्रपति ने द्वीप की रक्षा का लिया संकल्प, कहा- चीन हमें रास्ता न दिखाए

Last Updated 11 Oct 2021 01:48:18 AM IST

ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने चीन की ओर से एकीकरण को लेकर बढ़ते दबाव के बीच रविवार को द्वीप की रक्षा करने का संकल्प लिया। वेन ने यह संकल्प पिछले हफ्ते पेइचिंग के साथ उत्पन्न अभूतपूर्व तनाव के बाद दोहराया है।


ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन

राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित परेड में ताइवान की रक्षा क्षमता का प्रदर्शन किया गया और इस दौरान राष्ट्रपति साई इंग वेन ने चीनी सेना के बलप्रयोग को दृढ़ता से खारिज किया। राष्ट्रपति साई ने कहा, हम राजनीतिक यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने से रोकने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।

उन्होंने कहा, हम राष्ट्रीय रक्षा को बढ़ावा देते रहेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी ताइवान को चीन द्वारा निर्धारित मार्ग पर चलने के लिए मजबूर नहीं करे। हम अपना बचाव करने के लिए दृढ़संकल्प का प्रदर्शन करते रहेंगे। चीन, ताइवान को अपना क्षेत्र होने का दावा करता है जबकि यह द्वीप 1949 में गृहयुद्ध के दौरान कम्युनिस्ट शासित मुख्य भूमि से अलग होने के बाद से स्वायत्तशासी है।

साई ने चीन के अधिनायकवादी और एकल पार्टी कम्युनिस्ट शासन प्रणाली के विपरीत ताइवान में अनुनादी लोकतंत्र पर जोर दिया। उन्होंने कहा, इसका कारण यह है कि चीन ने जो रास्ता बनाया है, वह न तो ताइवान के लिए एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक जीवन शैली प्रदान करता है, न ही हमारे 2.3 करोड़ लोगों के लिए संप्रभुता प्रदान करता है।

ताइपे के मध्य में प्रेसिडेंशियल ऑफिस बिल्डिंग में आयोजित समारोह के दौरान ताइवान के विभिन्न जातीय समूहों से गायकों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

सर्वेक्षण दिखाता है कि अधिकतर ताइवानी स्वतंत्र राज्य की यथास्थिति कायम रखने के पक्ष में हैं और चीन द्वारा एककीकरण का पुरजोर विरोध करते हैं जबकि चीन का कहना है कि वह द्वीप पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए जरूरत पड़ी तो सैन्य बल का भी इस्तेमाल करेगा।

गत शुक्रवार से चीन रिकॉर्ड संख्या में लड़ाकू विमान ताइवान के करीब अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में भेज रहा है। ताइवान संभावित खतरे के मद्देनजर जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों से अपने अनौपचारिक संबंधों को मजबूत कर रहा है।

एपी
ताइपे


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