भारत भी मांगेगा डब्ल्यूएचओ से कोरोना की उत्पत्ति की जानकारी
भारत जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दो दिन के अहम सम्मेलन में हिस्सा ले रहे 60 देशों की उस मांग का समर्थन करेगा जिसमें कोविड-19 संकट की वैश्विक प्रतिक्रिया पण्राली का ‘निष्पक्ष, स्वतंत्र और समग्र’ आकलन किए जाने और घातक संक्रमण का ‘पशुजन्य स्रेत’ का पता लगाने की बात है।
भारत भी मांगेगा डब्ल्यूएचओ से कोरोना की उत्पत्ति की जानकारी |
डब्ल्यूएचओ की विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्ल्यूएचए) की सोमवार से शुरू हो रही दो दिवसीय 73वीं सभा, वायरस की चीन के शहर वुहान में उत्पत्ति की जांच को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगातार बनाए जा रहे दबाव की पृष्ठभूमि में हो रही है। इस मुद्दे को लेकर चीन और अमेरिका में जुबानी जंग चल रही है। ऐसी संभावना है कि डब्ल्यूएचए वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने पर जोर देगी।
कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर में 3,10,000 लोगों की जान जा चुकी है और यह वायरस करीब 47 लाख लोगों को संक्रमित कर चुका है तथा अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ चुका है। यूरोपीय संघ द्वारा तैयार मसौदा प्रस्ताव को कई देशों ने डब्ल्यूएचए में चर्चा के लिए समर्थन दिया है। इसमें कोविड-19 के प्रति डब्ल्यूएचओ की समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया का चरणबद्ध तरीके से निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं समग्र आकलन की मांग की गई है।
भारत के अलावा इस मसौदा प्रस्ताव को समर्थन देने वालों में आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, बेलारूस, भूटान, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, जिबूती, डोमिनिकन गणराज्य, इक्वाडोर, एल. सेल्वाडोर, ग्वाटेमला, गुयाना, आईसलैंड, इंडोनेशिया, जापान, जोर्डन, कजाकस्तान, मलयेशिया, मालदीव और मैक्सिको शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मोंटेनीग्रो, न्यूजीलैंड, उत्तर मैसेदोनिया, नॉव्रे, पराग्वे, पेरू, कतर, कोरिया गणराज्य, मोलदोवा, रूस, सैन मरीनो, सऊदी अरब, ट्यूनीशिया, तुर्की, यूक्रेन, ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड भी इस प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं।
इस कदम को समर्थन देने वालों में अमेरिका का नाम नहीं नजर आया है। मसौदा प्रस्ताव में डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपदा कार्यक्रम को मजबूत करने के माध्यम से वैश्विक महामारी रोकथाम पण्रालियों को सुधारने की अनुशंसा भी होगी।
| Tweet |