करतारपुर के लिए भारतीय तीर्थयात्रियों के पास पासपोर्ट होना आवश्यक : आईएसपीआर प्रमुख

Last Updated 07 Nov 2019 12:34:05 PM IST

आईएसपीआर प्रमुख मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा है कि करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में जाने के लिए भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के पास पासपोर्ट होना अनिवार्य है।


ज्ञात हो कि सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक देव की 550वीं जयंती से पहले शनिवार को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया जाएगा। द डॉन समाचार ने बुधवार को सेना के मीडिया विंग के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक गफूर के बयान के हवाले से कहा, "सुरक्षा के लिहाज से प्रवेश प्रक्रिया पासपोर्ट-आधारित पहचान के तहत होगी। सुरक्षा या संप्रभुता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।"

मूल रूप से गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से लोकप्रिय करतारपुर कॉरिडोर के जरिए भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के वहां जा सकते हैं। गुरुद्वारा दरबार साहिब सिखों का पवित्र धर्मस्थल है, जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपनी जिंदगी के आखिरी 18 साल बिताए थे और वहीं अपने प्राण त्यागे थे।

इस साल 12 नवंबर को गुरु नानक देव की 550वीं जयंती को यादगार बनाने को लेकर इस कॉरिडोर की स्थापना की गई है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक नवंबर को ट्विटर पर करतारपुर कॉरिडोर के पूरे होने की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने आगंतुकों को अपने साथ पहचान पत्र के तौर पर पासपोर्ट लाने और पूर्व पंजीकरण में छूट देने की बात कही थी।

वहीं पाकिस्तान सरकार ने भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरु नानक देव की जयंती के अवसर पर कॉरिडोर में प्रवेश करने के लिए 20 डॉलर के प्रवेश शुल्क से भी राहत प्रदान की है।

 

 

आईएएनएस
इस्लामाबाद


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