अमेरिका ने लगाया ईरान के विदेश मंत्री पर प्रतिबंध
अमेरिकी सरकार ने दुनियाभर में ईरान के प्राथमिक प्रवक्ता के तौर पर ईरान के विदेश मंत्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
ईरानी कूटनीतिक प्रमुख मोहम्मद जवाद जरीफ (file photo) |
अमेरिका के इस कदम से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ना तय हो गया है।
वाशिंगटन के निर्णय से ईरानी कूटनीतिक प्रमुख मोहम्मद जवाद जरीफ को भविष्य में वाशिंगटन और तेहरान के बीच किसी भी वार्ता से व्यावहारिक रूप से बाहर करता है। मीडिया को दिए एक बयान में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि जरीफ ने विदेश मंत्री नहीं प्रचार मंत्री के तौर पर काम किया है और अमेरिका विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने उन पर मध्य पूर्व में ईरान की उग्र गतिविधियों में मिलीभगत का आरोप लगाया।
पोम्पियो ने एक बयान में कहा, यह कार्रवाई ईरान को आतंक और ईरानी जनता का शोषण करने के स्रोतों को रोकने की दिशा में एक कदम है। इस प्रकार के प्रतिबंधों से अमेरिका में उनकी सभी संपत्तियों पर प्रतिबंध लग जाएगा और उनका अमेरिका के किसी भी नागरिक से लेन-देन बंद हो जाएगा, जिससे उन्हें डॉलर पर आधारित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय तंत्र में काम करने में परेशानी आएगी।
हालांकि इसके तुरंत बाद जरीफ ने ट्विटर पर वाशिंगटन के प्रतिबंध का मजाक उड़ाते हुए कहा कि अमेरिकी अधिकार क्षेत्र में उनके पास कोई संपत्ति नहीं है, तो प्रतिबंध से उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
जरीब पर प्रतिबंध ‘बचकाना’ हरकत : रूहानी
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बृहस्पतिवार को कहा कि विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीब के खिलाफ अमेरिका का प्रतिबंध एक ‘बचकाना’ हरकत है।
रूहानी ने जरीब पर बुधवार को लगाए गए प्रतिबंध पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘वे (अमेरिकी) ईरानी विदेश मंत्री पर प्रतिबंध लगाकर बचकाना व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘एक तरफ वे (अमेरिकी) बिना किसी पूर्व शर्त के बातचीत करने का दावा कर रहे हैं और दूसरी तरफ उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका यही मतलब है कि उन्होंने विवेकी मस्तिष्क की ताकत खो दी है। गौरतलब है कि अमेरिकी वित्त विभाग ने बुधवार को जरीब पर यह आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगाया है कि उन्होंने ईरान के प्रमुख नेता अयातुल्लाह अल हुसैनी खुमैनी के लिए अथवा उनकी तरफ से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कार्य किया है।’
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