ट्रंप की कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश

Last Updated 23 Jul 2019 01:13:09 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की सोमवार को पेशकश की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने ओसाका में अपनी मुलाकात के दौरान इस विषय में चर्चा की थी।


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प आपस में हाथ मिलाते हुए।

उन्होंने कहा- मोदी ने पूछा था कि क्या आप मध्यस्थ होना पसंद करेंगे? इस पर मैंने उनसे पूछा- कहां? उन्होंने कहा-कश्मीर। मैंने कहा-अगर मैं मध्यस्थता कर सकता हूं तो जरूर मदद करूंगा। उधर नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को सिरे से खारिज किया है। उसका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के मामले में ट्रंप से कभी कोई मदद नहीं मांगी है। भारत अपने पुराने रुख पर कायम है। कश्मीर पर भारत-पाकिस्तान के अलावा किसी तीसरे की भूमिका नहीं हो सकती। भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान से  द्विपक्षीय बातचीत तभी संभव है जब वह आतंकवाद का अपने यहां खात्मा करे।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से व्हाइट हाउस में ट्रंप से पहली बार मुलाकात की। ट्रंप ने कहा, यदि दोनों देश कहेंगे तो वह मदद के लिए तैयार हैं। ट्रंप ने ओवल ऑफिस में कहा, यदि मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं एक मध्यस्थ होना पसंद करूंगा। खान ने ट्रंप के बयान का स्वागत किया और कहा, यदि अमेरिका सहमत है, तो एक अरब से अधिक लोगों की प्रार्थना उनके साथ होगी।

भारत जनवरी 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसेना के अड्डे पर पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं कर रहा है। भारत का कहना है कि आतंकवाद और वार्ता साथ साथ नहीं चल सकते। खान के साथ पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित अन्य व्यक्ति थे। इस वर्ष के शुरू में कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए विस्फोट में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया।

एजेंसियां
वाशिंगटन/नई दिल्ली


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