आईएस के चंगुल से निकली महिला ने सुनाई आपबीती
जिहादियों की कैद से वर्षों बाद रिहा हुई यजीदी महिला जिहान ने अपनी आपबीती बयां करते हुए बताया कि कई वर्षों तक तमाम पीड़ाएं झेलने के बाद इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों से हुए तीन बच्चों को वहां छोड़ना आसान नहीं था, लेकिन उन्हें साथ न लाने का निर्णय उन्होंने सोच-समझकर लिया।
यजीदी महिला जिहान (file photo) |
बिना कोई जज्बात जिहान कासिम ने कहा, ‘निश्चित तौर पर मैं उन्हें साथ नहीं ला सकती थी। वह दाएश (आईएस) बच्चे हैं।
इस कठोर वास्तविकता को उजागर करते हुए कि बच्चे इस्लामिक स्टेट समूह द्वारा उन पर किए हुए अत्याचारों को बार-बार याद दिलाते हैं। उन्होंने कहा, मैं ऐसा कर भी कैसे सकती हूं, जब मेरे तीन भाई-बहन अब भी आईएस की कैद में हैं? इराक के सिंजार से 2014 में आईएस द्वारा अगवा की गई दर्जनों यजीदी महिलाओं और लड़कियों से बलात्कार किए गए, उन्हें बेचा गया और जिहादियों से जबरन उनकी शादियां कराई गईं।
उन्होंने कहा कि उनके बच्चों का क्या किया जाए जो जबरन बनाए यौन संबंधों से हुए हों? अब वे रिहा हो गए हैं, महिलाएं अपने जख्मों को भरना चाहती हैं. लेकिन जिहादी संतानों के कारण वे इससे उबर नहीं पा रही हैं। जिहान को 13 वर्ष की उम्र में अगवा किया गया और 15 वर्ष की आयु में ट्यूनीशियाई आईएस लड़ाके से उसकी जबरन शादी कर दी गई। अमेरिका समर्थित बलों को जब पता चला कि वह यजीदी है तो वे उसे और उसके दो वर्षीय बच्चे, एक साल की बेटी और चार महीने के नवजात को दूर ले गई, जो अब पूर्वोत्तर सीरिया के आश्रय में पीड़ित अन्य माताओं के साथ रह रहे हैं।
इस सुरक्षित आश्रय को ‘यजीदी हाउस’ के नाम से जाना जाता है। इसने महिला की तस्वीरें फेसबुक पर डाली, जिसके बाद उसके बड़े भाई सलमान ने उसकी पहचान की, जो उत्तरी इराक में रहता है। सलमान ने अपनी बहन को वापस घर लाने की इच्छा जाहिर की लेकिन बच्चों के बिना।
तमाम यातनाओं को झेल चुकी जिहान ने अपने बच्चों को सीरिया के कुर्द अधिकारियों के हवाले कर अपने असली परिवार के पास लौटने का निर्णय किया। उन्होंने कहा, ‘वे काफी छोटे हैं। मेरा उनसे लगाव था और उनका मुझसे.. लेकिन वे दाएश बच्चे हैं। उनके पास बच्चों की कोई तस्वीर नहीं है और वे उन्हें याद भी नहीं रखना चाहती। जिहान ने कहा, ‘पहला दिन मुश्किल था और फिर धीरे-धीरे मैं उन्हें भूल गई।’
| Tweet |