चीन ने दी नसीहत : सोच समझकर बोले अमेरिका, ब्रिटेन, ईयू
चीन ने हांगकांग में लेजिस्लेटिव काउंसिल पर हमले में शामिल कट्टरपंथियों को कोई भी गुमराह करने वाला संकेत भेजने के खिलाफ मंगलवार को अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ को चेताया है।
हांगकांग में सोमवार को संसद भवन के बाहर प्रदर्शनकारियों को रोकती पुलिस। |
चीन ने देश के आंतरिक मामले में उनके गंभीर हस्ताक्षेप पर कड़ा ऐतराज़ जताया। हांगकांग में सोमवार को कई प्रदर्शनकारी ‘लेजिस्टलेटिव काउंसिल’ में घुस गए थे तथा इमारत पर कई घंटे तक कब्जा कर लिया था। उन्होंने इमारत को और उसके फर्नीचर को नुकसान पहुंचा था।
दरअसल, हांगकांग में विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को लेकर कुछ हफ्तों से प्रदर्शन हो रहे है। इस विधेयक को लेकर स्थानीय लोगों को अंदेशा है कि इसका इस्तेमाल हांगकांग के राजनीतिक असंतुष्टों को अभियोजन के लिए चीन की मुख्य भूमि पर भेजा जाएगा। ब्रिटेन के पूर्व उपनिवेश हांगकांग को 1997 में चीन के हवाले कर दिया गया था। तब बिटेन के 99 साल के पट्टा की अवधि खत्म हो गई थी और यह चीन का विशेष प्रशासनिक क्षेत्र बन गया था। इस शहर पर ‘एक देश, दो व्यवस्थाओं’ के तहत शासन होता है। इस सिद्धांत के तहत चीन 50 साल के लिए कुछ स्वायत्तता देने और इसके आर्थिक तथा सामाजिक व्यवस्था के संरक्षण पर सहमत हो गया था।
हांगकांग की मुख्य कार्यकारी केरी लाम की देश-विदेश में तीखी आलोचना हुई है और उन्होंने विवादित विधेयक को पारित करने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। साथ में उन्होंने माफी भी मांगी है, बावजूद इसके प्रदर्शन चल रहे हैं। वे विधेयक को पूरी तरह से वापस लेने तथा लाम के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। एक जुलाई को ब्रिटेन द्वारा हांगकांग को चीन को सौंपने की 22वीं सालगिरह थी। सोमवार को हुए प्रदर्शन पर चीन के हांगकांग और मकाओ मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया देते हुए ‘लेजिस्टलेटिव काउंसिल’ पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों को ‘कट्टरपंथी’ करार दिया तथा मामले की निंदा की। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने खबर दी है कि प्रवक्ता ने घटना से निपटने के लिए हांगकांग सरकार और पुलिस को दृढ समर्थन व्यक्त किया और हिंसा के आरोपियों को जवाबदेह ठहराने पर जोर दिया। इस बीच, चीन के विदेश मंत्रालय ने हांगकांग में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का समर्थन करने वाले अमेरिका, ब्रिटेन तथा ईयू के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार किया।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, मैं दोहराना चाहूंगा कि हांगकांग चीन का एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है और पूर्ण रूप से आतंरिक मामला है। हम चीन के मामले में गंभीर हस्तक्षेप के लिए देशों की कड़ी निंदा करते हैं और इसका विरोध करते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और ईयू ने कहा है कि हांगकांग के लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन उनसे हिंसा से परहेज करने तथा संयम बरतने का अनुरोध किया है। शुआंग ने कहा, हम इन देशों को सलाह देते हैं कि वे सावधानीपूर्वक बोलें और काम करें तथा किसी भी तरह से हांगकांग के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करें।
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