भारत के खिलाफ तालिबान को यूज़ कर रहा पाकिस्तान
अमेरिका के एक शीर्ष कमांडर ने इस बात पर रोष जताया कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकी गुटों को सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनाने देने की दिशा में ठोस कदम उठाने में विफल रहा है। साथ ही उन्होंने सांसदों को बताया, पाकिस्तान लगातार अफगान तालिबान का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर रहा है।
अमेरिकी मरीन कोर के लेफ्टिनेंट जनरल केनेथ मैकेंजी |
मरीन कोर के लेफ्टिनेंट जनरल केनेथ मैकेंजी का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अफगानिस्तान शांति वार्ता में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मदद मांगे जाने के कुछ दिनों बाद आया है। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के अफगानिस्तान में चले सबसे लंबे युद्ध के बाद बातचीत के जरिए कोई हल निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इस युद्ध में अमेरिका के 2,400 से अधिक सैनिक मारे गए हैं।
उधर तालिबान अमेरिका नीत अंतरारष्ट्रीय बलों को देश से भगाने और फिर से अपना शासन स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहा है। मैकेंजी ने यूस सेंट्रल कमांड के कमांडर (सेंटकॉम) पद पर नियुक्ति के लिए सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति से कहा, अफगनिस्तान में दीर्घकालिक स्थायित्व के लिए पाकिस्तान अनिवार्य तत्व है। उन्होंने कहा, तालिबान और अफगानिस्तान की सरकार के बीच बातचीत कराने में पाकिस्तान अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा, मैं स प्रगति का स्वागत करूंगा।
हालांकि, इस वक्त ऐसा नहीं लगता कि तालिबान को वार्ता की मेज तक लाने में पाकिस्तान अपने प्रभाव का पूरा इस्तेमाल कर रहा है। मैकेंजी ने सुनवाई के दौरान कहा, हम लगातार देखते आ रहे हैं कि स्थायी तथा सामंजस्यपूर्ण अफगानिस्तान का हिस्सा बनने की बजाए तालिबान का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जा रहा है। मैकेंजी का यह जवाब ऐसे वक्त आया है जब ट्रंप ने हाल ही में इमरान को पत्र लिख कर अफगान शांति वार्ता में मदद मांगी है। मैकेंजी ने सांसदों से कहा, वह अफगानिस्तान के प्रति अथवा आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान के रवैये में कोई खास परिवर्तन नहीं देखते।
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