पैराडाइज पेपर लीक में 714 भारतीयों के नाम शामिल

Last Updated 06 Nov 2017 11:52:20 AM IST

पनामा पेपर्स लीक मामले के बाद अब पैराडाइज पेपर्स सामने आए हैं. इनमें टैक्स चोरी करके विदेश में कालाधन छुपाने के मामलों से जुड़ी 1.34 करोड़ फाइलें सामने आई हैं.


इसमें दावा किया गया है कि 714 भारतीय नागरिकों समेत दुनियाभर के अमीर और ताकतवर लोगों के नाम शामिल हैं.

व्यापक पैमाने पर लीक हुए पैराडाइज वित्तीय दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबियों से जुड़ी कंपनी के साथ कारोबारी संबंध हैं जबकि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने विदेशों में कर से बचाव करने वाले स्थानों पर निवेश किया हुआ है.

इसमें यह भी खुलासा किया गया है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदू के लिए कोष जुटाने वाले और वरिष्ठ सलाहकार स्टीफन ब्रॉन्फमैन ने पूर्व सीनेटर लियो कोल्बर के साथ मिलकर विदेशों में कर पनाहगाहों में करीब 6 करोड़ डॉलर का निवेश कर रखा है.

अमेरिका स्थित इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जनर्लिस्ट्स (आईसीआईजे) द्वारा जारी किए गए पैराडाइज दस्तावेज से यह खुलासा हुआ है. इसी संगठन ने पिछले साल पनामा दस्तावेजों का खुलासा किया था जिसने दुनियाभर की राजनीति में तूफान पैदा किया था.

बहरहाल, इन खुलासों से ऐसे संकेत नहीं मिले हैं कि रॉस, ब्रान्फमैन या महारानी की निजी कंपनी ने गैरकानूनी रूप से निवेश किया. एलिजाबेथ की निजी कंपनी के मामले में आलोचक यह सवाल उठा सकते हैं कि क्या ब्रिटेन की महारानी द्वारा विदेशी कर पनाहगाहों में निवेश करना उचित है.

करीब 100 समाचार संगठनों द्वारा देखे गए दस्तावेजों के अनुसार, अरबपति निवेशक रॉस की नेविगेटर होल्डिंग्स में 31 फीसदी हिस्सेदारी है. इस कंपनी की रूस की ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी कंपनी सिबर से साझेदारी है जिसका आंशिक तौर पर मालिकाना हक पुतिन के दामाद और उनके दोस्त के पास है.

बीबीसी और गार्जियन अखबार के अनुसार, दस्तावेजों से यह भी पता चला है कि महारानी की करीब एक करोड़ 30 लाख डॉलर की निजी धनराशि को केमैन द्वीप और बरमुडा में निवेश किया गया.

पैराडाइज दस्तावेजों में कानून कंपनी एप्पलबाय के मुख्यत: 1.34 करोड़ दस्तावेज हैं. इस कंपनी के कार्यालय बरमूडा और अन्य जगहों पर हैं.
 

एएफपी


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