यूएनएमसी ने म्यांमार में जारी हिंसा की निंदा की
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कल म्यांमार के रखीन राज्य में जारी हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की.
म्यांमार में रखीन राज्य में हिंसा जारी (फाइल फोटो) |
म्यांमार में लगभग चार लाख रोहिंज्ञा मुसलमानों को बांग्लादेश में भागने के लिए मजबूर किया गया है.
15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने एक बयान में ‘सुरक्षा अभियानों के दौरान हिंसा की खबरों पर चिंता व्यक्त की और रखीन राज्य में जारी हिंसा को खत्म करने, कानून और व्यवस्था की पुन: स्थापना करने, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा.‘
संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के राजदूत मैथ्यू रेक्रॉफ्ट ने कहा कि गत नौ वर्षों में यह पहला मौका है जब सुरक्षा परिषद म्यांमार पर बयान के लिए सहमत है.
सयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटरेस ने म्यांमाप से रखीन प्रांत में रोहिंग्याओं के खिलाफ अपना सैन्य अभियान बंद करने का आह्वान किया और कहा कि मुस्लिम अल्पसंख्यक जातीय खात्मा का सामना कर रहे हैं.
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं म्यांमार प्रशासन से सैन्य गतिविधियां एवं हिंसा रोकने तथा कानून के शासन का पालन करने का आह्वान करता हूं.
उन्होंने सुरक्षाबलों द्वारा नागरिकों पर हमला करने की खबरों को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि रोहिंग्या जाति का खात्मा किया जा रहा है तो उन्होंने जवाब दिया, जब रोहिंग्या जनसंख्या के एक तिहाई हिस्से को देश छोड़ना पड़े तो क्या आप इसके लिए इससे अच्छा शब्द ढूढ सकते हैं?
आंग सान सू ची राष्ट्र को संबोधित करेंगी
यंगून से प्राप्त समाचार के अनुसार म्यांमार की नेता आंग सान सू ची अगले हफ्ते रखीन प्रांत के संकट पर राष्ट्र को संबोधित करेंगी.
रोहिंग्या आतंकवादियों के हमले के बाद म्यांमार की सेना द्वारा 25 अगस्त को शुरु की गयी कार्रवाई के कारण बड़ी संख्या में मुस्लिम बेघर हो गये और सीमापार चले गए.
इस हिंसा से सीमा के दोनों तरफ मानवीय संकट पैदा हो गया है और ऐसे में सू ची पर पर सैन्य अभियान की निंदा करने का वैश्विक दबाव पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने इसमें जातीय सफाये के सभी संकेत विद्यमान होने की बात कही.
म्यांमार सरकार के प्रवक्ता जॉ हते ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सू ची 19 सितंबर को टेलीविजन पर राष्ट्रीय सुलह और शांति के बारे में राष्ट्र को संबोधित करेंगी.
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