पाकिस्तान में पनामा पेपर घोटाले का सिलसिलेवार घटनाक्रम
पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने आज देश के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित कर दिया. पनामागेट घोटाले का पूरा घटनाक्रम कुछ इस तरह रहा.
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित (फाइल फोटो) |
चार अप्रैल 2016 : इंटरनेशनल कॉनसोटर्यिम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म ने पनामा पेपर प्रकाशित किए और इसके जरिए दुनियाभर के अमीर लोगों द्वारा विदेशी खातों और मुखौटा कंपनियों के जरिए की गई कर चोरी का पर्दाफाश किया. इस दस्तावेज में शरीफ और उनके परिजनों के नाम थे.
पांच अप्रैल 2016 : आरोपों की जांच के लिए शरीफ ने न्यायिक समिति का गठन किया और आरोपों से इनकार किया.
26 अप्रैल 2016 : विपक्षी दलों ने सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग को खारिज किया.
एक नवंबर 2016 : सर्वोच्च न्यायालय ने नवाज शरीफ से जुड़े मामले को देखने का फैसला किया .
सात नवंबर 2016 : पीएमएल-एन ने सर्वोच्च न्यायालय को कतर के शहजादे का वह पत्र सौंपा जिसमें पनामा पेपर घोटाले के केंद्र में रहे लंदन के फ्लैटों की जानकारी थी.
छह जनवरी 2017 : सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई शुरू होने के बाद शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने संपत्तियों का ब्यौरा मुहैया करवाया.
20 अप्रैल 2017 : सर्वोच्च न्यायालय ने शरीफ के खिलाफ भष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए जेआईटी के गठन का आदेश दिया.
पांच मई 2017 : सर्वोच्च न्यायालय ने जेआईटी का औपचारिक गठन किया.
22 मई 2017 : जेआईटी ने अपनी पहली द्वि-साप्ताहिक रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय को दो खंडों में सौंपी.
24 मई 2017 : जेआईटी ने शरीफ और उनके दोनों बेटों हुसैन तथा हसन को प्रश्नावली भेजी.
28 मई 2017 : शरीफ के बड़े बेटे हुसैन जेआईटी के समक्ष पेश हुए, प्रश्नावली नहीं दिए जाने का दावा किया.
30 मई 2017 : हुसैन दूसरी बार जेआईटी के समक्ष पेश हुए.
13 जून 2017 : काम में बाधाओं को लेकर जेआईटी ने सर्वोच्च न्यायालय में रिपोर्ट जमा की, सरकारी संस्थानों पर सबूत जुटाने में अड़चनें खड़ी करने का आरोप लगाया.
15 जून 2017 : शरीफ पूछताछ के लिए जेआईटी के समक्ष पेश हुए. पद पर रहते हुए किसी जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने वाले पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बने.
17 जून 2017 : जेआईटी ने शरीफ के छोटे भाई एवं पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ से पूछताछ की.
पांच जुलाई 2017 : शरीफ की बेटी मरियम जेआईटी के समक्ष पेश हुई.
सात जुलाई 2017 : कतर के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हम्माद बिन जस्सिम बिन जब्र अल थानी ने जेआईटी को पत्र भेजकर कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को अपनी अंतिम रिपोर्ट भेजने से पहले वह उनके महल में उनका बयान दर्ज करे.
आठ जुलाई 2017 : पीएमएल-एन ने कहा उसे जेआईटी की वह रिपोर्ट स्वीकार नहीं होगी जिसमें कतर के पूर्व प्रधानमंत्री का बयान नहीं होगा.
10 जुलाई 2017 : जेआईटी ने सर्वोच्च न्यायालय को अंतिम रिपोर्ट सौंपी.
21 जुलाई 2017 : मामले की सुनवाई कर रही सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा.
28 जुलाई 2017 : उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने एकमत से शरीफ के खिलाफ फैसला देते हुए उन्हें इस पद के लिए अयोग्य घोषित किया.
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