Bhai Dooj 2023 Katha : क्यों मनाया जाता है भाई दूज और क्या है पौराणिक कथा

Last Updated 11 Nov 2023 07:58:20 AM IST

कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।


Bhai Dooj 2023 Katha

Bhai dooj katha in hindi- कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई का तिलक करती हैं और उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। तो वही भाई अपनी बहन को आशीर्वाद देते हैं। ये त्यौहार दीपावली के ठीक दो दिन बाद मनाया जाता है। इस बार भाई दूज 15 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा। जानिए क्यों मनाया जाता है भाई दूज? क्या है पौराणिक कथा।

पौराणिक कथा - Bhai dooj ki kahani
सूर्यदेव भगवान की पत्नी छाया की दो संतान थी जिनका नाम यमराज और यमुना था। यमुना अपने भाई यमराज से हमेशा घर आकर भोजन करने का निवेदन करती थी। लेकिन यम व्यस्त होने के कारण अपनी बहन के घर नही जा पाते थे। एक बार जब कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन करने के लिए बुलाया तो यमराज मना नहीं कर सके और बहन के घर भोजन करने चले गए।

यमराज ने रास्ते से नरक में रहने वाले लोगों को भी मुक्त कर दिया। जब यमराज अपनी बहन के घर पहुंचे तो बहन यमुना उन्हें देखकर बहुत खुश हुई और टीका लगाकर भाई का स्वागत किया। बहन यमुना के हाथों से यमराज ने भोजन ग्रहण किया। यमराज ने प्रसन्न होकर अपनी बहन से कुछ वरदान मांगने को कहा। यमुना ने वरदान मांगा कि भाई आप प्रतिवर्ष इसी दिन मेरे यहां भोजन करने आएंगे। इस दिन जो भी बहन अपने भाई का तिलक करेगी उसे तुम्हारा भय नहीं होगा।

बहन की ये बात सुनकर यमराज बहुत प्रसन्न हुए और उन्हें आशीर्वाद दिया। तभी से यह मान्यता चली आ रही है कि कार्तिक शुक्ल द्वितीय को जो भाई अपनी बहन का आतिथ्य स्वीकार करते हैं उन्हें यमराज का भय नहीं रहता। इस दिन यमुना नदी में स्नान का भी महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन जो भाई-बहन यमुना नदी में स्नान करते हैं उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है।

पूजा विधि - Bhai dooj puja vidhi
लकड़ी के आसन पर चावल के आटे से चौक बनाएं।
रोली, चंदन, घी का दीपक, फूल और मिठाई से थाल सजाएं।
भाई को लकड़ी के आसन पर बिठाकर उसकी हथेली पर चावल का घोल लगाएं।
हाथों में पान और सुपारी इत्यादि चीज़े रखें।   
भाई के माथे पर तिलक लगाकर आरती उतारें।
अब कलावा बांधकर मुंह मीठा कराएं और भाई की लंबी उम्र की कामना करें।
भाई-बहन को प्यार, स्नेह और आशीर्वाद दें।
शाम के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीपक जलाकर घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर रखें।

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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