कार्यशक्ति

Last Updated 23 Feb 2018 05:55:51 AM IST

यह सही है कि जिम्मेदारी की कोई सीमा नहीं, लेकिन आपकी कार्यशक्ति सीमित होती है.


जग्गी वासुदेव

भले ही आप ‘सुपरमैन’ हों, आपकी काम करने की क्षमता एक सीमा के अंदर होती है. जिम्मेदारी अलग चीज है और आप क्या कर सकते हैं अलग चीज है. जो लोग दोनों के बीच का अंतर नहीं समझ पाते, वे जिम्मेदारी का नाम लेते ही तनाव में आ जाते हैं. आप अपनी क्षमता के अंदर ही कार्य कर सकते हैं. आप किसी दूसरे व्यक्ति के समान काम नहीं कर सकते. क्योंकि उनकी क्षमता अलग तरह की है.

आपकी बुद्धि, क्षमता, परिवेश जैसे अनेक मानदंडों के आधार पर आपके कार्य का निर्णय किया जाता है. लेकिन जिम्मेदारी लेने का निर्णय आपकी इच्छा पर ही है. वहां और कोई अड़चन नहीं है.

जिम्मेदारी को काम के रूप में समझने की वजह से वह भार जैसा लगता है. तो क्या आप सारे कामों को कर सकते हैं? कई मौकों पर आप कुछ भी किए बिना बैठे रहे, वह भी तो जिम्मेदारी ही है. लेकिन उत्तरदायित्व लेने की भावना से आपकी कार्यशक्ति सहज रूप से विकसित होती है. तब कोई हिचकिचाहट नहीं होती. सड़क पर खेल रहा आपका बच्चा अगर गिर पड़े, तो भागे-भागे जाकर उसे उठाकर अपने आगोश में ले लेंगे. उस समय आपके अंदर कोई हिचकिचाहट नहीं होगी. क्यों? क्योंकि आपने उसकी पूरी जिम्मेदारी ले रखी है.

लेकिन पड़ोसी के बच्चे के गिर जाने पर कुछ लोग मूर्खतापूर्ण ढंग से हिसाब-किताब लगाते हैं, ‘क्या मैं उसके लिए जिम्मेदार हूं?’ जिम्मेदारी का अनुभव करने पर उस परिस्थिति में जो काम किए जाने की जरूरत होगी, उसे अपनी बुद्धि का उपयोग करके आप निश्चित रूप से कर देंगे. इस तरह परिस्थिति के अनुरूप काम का चयन करके निर्णय लेने की पूरी आजादी आपको है.

जिम्मेदारी की सरहदों को हटा देंगे तो जो भी आपसे संभव होगा अवश्य कर देंगे. जो काम आप से संभव नहीं है उसे आप कर नहीं सकते. लेकिन आपसे जो काम हो सकता है उसे जरूर कर देंगे. जब कोई ऐसा सोचता है, ‘मैं इसके लिए जिम्मेदार नहीं हूं’ तब वह उस काम को भी नहीं करेगा, जो उससे हो सकता है. इस तरह के जीवों के जिंदा रहने का प्रयोजन ही क्या है? अपनी जिम्मेदारी का अनुभव करने से आपके कार्य करने का बटन आपके हाथ में आ जाता है. आपकी संपूर्ण क्षमता आपके अंदर से प्रकट होती है.



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