ईश्वर की शक्ति

Last Updated 26 Apr 2017 04:28:17 AM IST

क्यों नहीं? अगर भगवान ना होते तो तुम यह प्रश्न ही क्यों पूछोगे? तुम क्या कहोगे अगर एक लहर सागर के अस्तित्व पर सवाल करे? सागर है तभी तो लहर है.


श्री श्री रविशंकर, ईश्वर की शक्ति, धर्म, धार्मिक लेख

जिसके कारण तुम खड़े हो, तुम्हारा अस्तित्व है, तुम सोचते हो, समझते हो, सांस लेते हो, वही भगवान है. ईश्वर क्या है? ईश्वर आकाश में या कैलाश पर्वत पर बैठा कोइ व्यक्ति नहीं है. ईश्वर वो शक्ति है, जिसके कारण सब कुछ हो रहा है.

(प्रश्नकर्ता अभी भी वही प्रश्न पूछता है) एक काम करो-भगवान के बारे में सब धारणाएं छोड़ो. पहले यह तो जानो तुम कौन हो? कौन यह प्रश्न पूछ रहा है? अगर तुम यह जान लेते हो तो काम हो गया. मैं तुम्हे एक कहानी सुनाता हूं. एक बार एक व्यक्ति भगवान बुद्ध के पास गया और ऐसे ही कहने लगा, ‘मुझे भगवान में यकीन नहीं है, भगवान क्यों?’

भगवान बुद्ध कहते हैं, ‘ठीक है! तुम सही हो.’ यह सुनकर वह व्यक्ति खुशी से वापिस चला गया. एक और व्यक्ति उनके पास आया और कहने लगा, ‘भगवान है.’ वो फिर कहते हैं, ‘ठीक है! तुम सही हो.’ अब एक तीसरा व्यक्ति उनके पास आया और प्रार्थना भाव से बोला, ‘कई लोग कहते हैं कि भगवान नहीं है.

उनका तर्क सुनकर ऐसा ही लगता है. पर जब मैं संतों का प्रवचन सुनता हूं तो लगता है भगवान हैं. अब मैं दुविधा में हूं कि भगवान है या नहीं. मुझे भगवान का अनुभव तो नहीं है और मैं समझ नहीं पा रहा हूं. कृपया आप मुझे बताएं.’ यह सुनकर भगवान बुद्ध बोले, ‘तुम यहां रुको. तुम्हारे मन में भगवान को लेके कोई धारणा नहीं है. हम दोनों एकसाथ खोजते हैं भगवान हैं के नहीं.’

अशांत मन कभी ईश्वर के करीब नहीं जा सकता. अशांत मन में ज्ञान भी नहीं उपजता. और अगर कोई ज्ञान ऐसे मन में उपजता भी है तो वो सही नहीं होता. इसलिए मैं कहता हूं पहले शांत हो जाते हैं. तुम सही जगह आए हो. यही रास्ता है. भगवान के बारे में अपनी धारणाएं छोड़ दो. आंखे बंद करो और यह खोजो कि तुम कौन हो? क्या तुम यह शरीर हो? क्या तुम यह मन हो?

क्या तुम विचार हो? हम किसी की ईमानदारी पर संदेह करते हैं, बेईमानी पर कभी संदेह नहीं होता. अगर कोई कहता है कि वो हमसे प्रेम करता है तो हम संदेह करते हैं. परन्तु अगर कोई कहे कि वह हमसे नफरत करता है तो हम उसी समय मान लेते हैं.



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