जन्माष्टमी पर भूल कर भी ना करें ये गलती, हो सकता है भारी नुकसान
हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन हिंदू धर्म के अनुयायी कृष्ण जन्मोंत्सव को बहुत हर्षोल्लास और विधि विधान से मनाते है।
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भारत में ही नहीं, विदेशों में भी लड्डू गोपाल के भक्त बहुत उत्साह और पूरी क्षद्धा के साथ भगवान श्री कृष्ण के प्रकटोत्सव का जश्न मानते हैं।
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री हरि विष्णु ने कृष्ण के रूप में आठवां अवतार लिया था। धार्मिक मान्यता और ग्रंथो के मुताबिक श्री कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था। इस वजह से कृष्ण जन्माष्टमी के दिन रात्रि में श्री कृष्ण की पूजा करने का विधान है।
कहा जाता है कि इस दिन हमें कुछ बातों का खास खयाल रखना चाहिए। अगर इन बातों का पालन नहीं किया गया तो भारी नुकसार का सामना करना पड़ सकता है।
1. श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन पूजा में भगवान को अर्पित करने के लिए तुलसी की पत्तियों को एक दिन पहले ही तोड़ कर रख लेनी चाहिए।
2.जन्माष्टमी के दिन गाय व बछड़े को भूल कर भी परेशान ना करें। जैसा कि हम सब जानतेह है,भगवान श्रीकृष्ण को गाय व बछड़े बहुत प्रिय है। इसलिए इस बात का ख्या रखे वरना कृष्ण जी नाराज हो जाएंगे।
3. श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भोजन में लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। मांस मदिरा का सेवन तो भूलकर भी ना करें।
4. जन्माष्टमी के दिन व्रत नहीं रखने की स्थिति में भी चावल नहीं खाने चाहिए। इस दिन सात्विक भोजन करें।
5. श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भूलकर भी किसी का अपमान या अनादर नहीं करना चाहिए।धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन किसी गरीब का अपमान करने से श्रीकृष्ण नाराज हो सकते हैं और उनका प्रकोप सहना पड़ेगा।
6. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर भूलकर भी काले वस्त्र पहनकर पूजा न करें। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है।
जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते समय उन्हें उनकी प्रिय चीजें जैसे मोरपंख, गाय के दूध से बनी खीर, पंचामृत, मिठाई, मक्खन आदि अवश्य चढ़ाएं।
जन्माष्टमी के दिन संभव हो तो उनके जन्म होने के खुशी में भजन, कीर्तन एवं जागरण का आयोजन करे।
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