इस बार 15 जनवरी को मनेगी मकर संक्रान्ति
इस बार मकर सक्रांति का पर्व 14 जनवरी की जगह 15 जनवरी को मनाया जाएगा।
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इस दिन दान पुण्य का पुण्य काल रहेगा। हर साल 14 दिसम्बर से लेकर 14 जनवरी तक मलमास रहता है। लेकिन इस बार ज्योतिषी आंकड़ों के अनुसार मलमास 16 दिसम्बर से प्रारम्भ होगा। इस दौरान एक माह तक मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। सूर्य 12 राशियों में भ्रमण करते हुए इस बार 16 दिसम्बर को अपराह्न तीन बजकर 26 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश करेगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य जब धनु राशि में होता है तो उस समय को मलमास कहते हैं। इस बार 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास रहेगा।
पंडित दिनेश मिश्रा के अनुसार 12 राशियों में भ्रमण करते हुए जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस दौरान सूर्य 14 जनवरी को रात 2.06 बजे मकर राशि में आएगा। सक्रांति का पुण्य काल अगले दिन 15 जनवरी को शुभारंभ होगा।
मकर सक्रांति के दिन तिल से निर्मित वस्तुओं के दान का खास महत्व बताया गया है। मुख्य रूप से अन्नदान, तीर्थ स्नान, गंगा स्नान आदि करना चाहिए। मकर सक्रांति मुख्यत: सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व है। इस दिन से धीरे-धीरे दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं।
मलमास की अवधि के दौरान विवाह, यज्ञोपवित संस्कार, वास्तु पूजन, नींव पूजन, घर प्रवेश, नई व्यापारिक कार्यों के मुहूर्त आदि कई तरह के शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। वहीं नामकरण संस्कार और नक्षत्र शांति पूजा की जा सकती है।
शास्त्रों के अनुसार इस माह को भगवान पुरुषोत्तम ने अपना नाम दिया है। इस कारण इसको पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। मलमास में भगवान की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
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