जानिए लेखानुदान और अंतरिम बजट

 जानिए यूपीए-2 के वित्तमंत्री चिदम्बरम का लेखानुदान और अंतरिम बजट

इस तरह की आपातकालीन स्थितियों से बचने के लिए विशेष प्रावधान के तहत सरकार संसद में वोट ऑन अकाउंट करवाती है ताकि विभिन्न मामलों के लिए खर्चे चलाने में सरकार को दिक्कत नहीं आए. लेखानुदान आमतौर पर अंतरिम और पूर्ण बजट से भिन्न होता है क्योंकि यह सिर्फ खर्च तक ही सीमित होता है. जबकि, अंतरिम और पूर्ण बजट खर्चो और प्रात्ति से जुड़ा होता है. आमतौर पर लेखानुदान दो महीनों के लिए होता है, लेकिन अगर ऎसा लगता है कि मुख्य मांगे और विनियोग विधेयक में समय लगेगा तो इसकी अवधि दो महीनों से ज्यादा हो सकती है.

 
 
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