महंगाई ने पहुंच से बाहर की सब्जियां

महंगाई की आग ने पहुंच से बाहर की सब्जियां

पान खाने के लिए खड़े शिव रतन के चेहरे पर रोष और बेचारगी के भाव झलके, बोला बाबू 200 रुपए में आधी झोली सब्जी भी नहीं मिली, बच्चे क्या खाएंगे? अब तो पेट भरना भी मुश्किल हो गया.लगता है बिहार लौट जाना पड़ेगा. महंगाई से टूट चुके शिवरतन जैसी हालत हर आम आदमी की है. चुनावी मौसम में दिवाली से पहले लोगों का जेब ढीली हो चुकी है. प्याज की बात तो छोड़ दीजिए.

 
 
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