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- इंफोसिस में नए युग की शुरूआत

नारायणमूर्ति पिछले साल जून में दुबारा कंपनी में आए थे. अपने बेटे रोहन को लाने के फैसले का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि वे प्रौद्योगिकी एवं उच्च गुणवत्ता वाले लोगों का इस्तेमाल करना चाहते थे. नारायणमूर्ति 10 अक्टूबर तक गैर कार्यकारी चेयरमैन के रूप में काम करेंगे जबकि इसके बाद वे चेयरमैन एमिरेट्स होंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि इंफोसिस प्रौद्योगिकी कंपनी के रूप में काम करती रहेगी. इसके साथ अपने कर्मचारियों को और बेहतर बनाने आदि के लिए कंपनी द्वारा उठाये जा रहे कदमों को भी रेखांकित किया. कई वरिष्ठ लोगों के छोड़कर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, जो छोड़ गए उनमें से कुछ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे, कुछ वरिष्ठों की अपेक्षाएं ऊंची थीं. जिन्हें रखा जाना था उन्हें रखा गया है. बीते एक साल में इंफोसिस के तत्कालीन सीएफओ वी बालाकृष्णन सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी छोड़ गए हैं. इंफोसिस के एक पूर्व अधिकारी मोहनदास पई ने वरिष्ठ प्रबंधकों को और अधिकार देने की जरूरत जताई है. उन्होंने कहा है, ‘वरिष्ठ प्रबंधकों के पास अधिकार नहीं होने के कारण ही कंपनी बीते तीन साल में विफल रही है.