Pics:अलविदा एम्बेस्डर कार

 देश की पहली स्वदेशी कार एम्बेस्डर की हुई विदाई

भारतीय सड़कों पर राज करने वाली हिन्द मोटर्स की सफेद एम्बेसडर कार को भारत सरकार का अधिकृत वाहन माना जाता रहा है. इसके साथ इस कार का रूतबा पुलिस और सेना में भी कायम रहा. पुलिस ने इसके सफेद रंग को अपनाया तो थलसेना ने इसके स्याह और वायुसेना ने आसमानी रंग को पसंद किया. राजनेताओं की यह पसंदीदा रही तो समाज के दबंग लोगों ने भी इसे अपना वाहन बनाया. भारत सरकार ने कई वर्ष अपने बेड़े में एम्बेसडर कार की संख्या कम करने का फैसला किया तो इसके बुरे दिन शुरू हो गए. कारों के नए मॉडलों और तकनीक के कारण एम्बेसडर कार बाजार में ग्राहकों को नहीं लुभा पाई. सरकारी अधिकारियों और नेताओं के सुरक्षा मानकों पर यह कार विफल होने लगी. एम्बेसडर कार बनाने वाले हिंदुस्तान मोटर्स लिमिटेड के आर्थिक तंगी से जूझ रहे उत्तरपाडा संयंत्र को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया. पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के उत्तरपाडा में देश का पहला और एकमात्र एकीकृत ऑटोमोबाइल संयंत्र हिंद मोटर पिछले कई वर्षो से आर्थिक तंगी का सामना कर रही है. देश में वर्ष 1942 में प्रथम स्वदेशी कार बनाने वाली यह कंपनी समय के साथ और ईधन की बढ़ती कीमत के अनुसार अपने संयंत्र और कार के मॉडलों को उन्नत नहीं बना पाई, जिससे इसे आर्थिक रूप से काफी नुकसान हुआ है और अंतत: इसे संयंत्र में काम रोकना पड़ा है.

 
 
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