मशहूर संगीतकार खय्याम ने दुनिया को कहा अलविदा, पीएम मोदी व लता सहित इन दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि
हिंदी फिल्मों को अपने सुनहरे संगीत से सजा कर उन्हें अमर बना देने वाले प्रख्यात संगीतकार खय्याम का मुंबई के एक अस्पताल में सोमवार रात निधन हो गया।
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मुंबई के उपनगर जुहू में सुजय अस्पताल के आईसीयू में फेफड़े में संक्रमण के चलते मशहूर संगीतकार को 10 दिन पहले भर्ती कराया गया था।
उनके एक पारिवारिक मित्र ने बताया, ‘‘सांस लेने में तकलीफ और उम्र संबंधी बीमारियों के चलते कुछ दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सुजय अस्पताल में आज रात करीब साढे नौ बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुरसाम्राज्ञी लता मंगेशकर, फिल्मकार मुजफ्फर अली समेत कई अन्य लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया और इसे एक संगीतमय युग का अंत बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जाने माने संगीतकार के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उन्हें हमेशा युवा कलाकारों को बढावा देने के लिये याद किया जायेगा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सुप्रसिद्ध संगीतकार खय्याम साहब के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने अपनी यादगार धुनों से अनगिनत गीतों को अमर बना दिया। उनके अप्रतिम योगदान के लिए फिल्म और कला जगत हमेशा उनका ऋणी रहेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके चाहने वालों के साथ हैं।’’
सुप्रसिद्ध संगीतकार खय्याम साहब के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने अपनी यादगार धुनों से अनगिनत गीतों को अमर बना दिया। उनके अप्रतिम योगदान के लिए फिल्म और कला जगत हमेशा उनका ऋणी रहेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके चाहने वालों के साथ हैं।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 19, 2019
मोदी ने कहा कि खय्याम को हमेशा अपने मानवीय पहलू और युवा कलाकारों को बढावा देने के लिये याद किये जायेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘उनका निधन बेहद दुखदायी है।’’
‘कभी कभी’ और ‘उमराव जान’ जैसी फिल्मों को अपने सदाबहार संगीत से सजाने वाले खय्याम का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद यहां के अस्पताल में 92 साल की उम्र में निधन हो गया।
लता मंगेशकर ने भी खय्याम के निधन पर ट्विटर पर दुख जताया और उन्हें एक महान संगीतकार लेकिन दयालु शख्स बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘महान संगीतकार और कोमल हृदय वाले खय्याम साहब अब हमारे बीच नहीं हैं। यह खबर सुनकर मैं बेहद दुखी हूं, मैं इन्हें शब्दों में बयां नहीं कर सकती हूं। खय्याम साहब के जाने के साथ संगीत के एक युग का अंत हो गया। मैं उन्हें दिल से श्रद्धांजलि देती हूं।’’
इसके बाद मंगेशकर ने एक और ट्वीट किया, उन्होंने लिखा कि खय्याम ने उनकी पसंद के धुन रचे और इसलिए उनके साथ काम करना उन्हें पसंद था लेकिन वह डरती भी थीं क्योंकि वह अपने काम को पूरी शिद्दत से करते थे। उन्होंने कहा, ‘‘खय्याम साहब मुझे अपनी छोटी बहन की तरह मानते थे। मेरे लिये वह अपने खास गाने रचते थे। मुझे उनके साथ काम करना पसंद था लेकिन मैं थोड़ा डरती भी थी क्योंकि वह अपने काम को पूरी शिद्दत से करते थे, उनमें कोई कमी नहीं छोड़ते थे। उनकी समझ और शायरी का ज्ञान असाधारण था।’’
Khayyam sahab mujhe apni choti behen maante the. Wo mere liye apni khas pasand ke gaane banaate the.Unke saath kaam karte waqt bahut accha lagta tha aur thoda darr bhi lagta tha kyo ki wo bade perfectionist the.Unki shayari ki samajh bahut kamaal thi.
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) August 19, 2019
जाने माने लेखक-गीतकार जावेद अख्तर ने ट्वीट किया, ‘‘महान संगीतकार खय्याम साहब का निधन हो गया है। उन्होंने हर समय कई बेहतरीन नगमे दिए हैं लेकिन उन्हें अमर बनाने के लिए केवल एक ही काफी था ‘वो सुबह कभी तो आयेगी’।’’
Khayyam saheb the great music director has passed away . He has given many all time great song but to make him immortal only one was enough “ voh subah kabhi to aayehi “
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) August 19, 2019
‘उमराव जान’ के निर्देशक मुजफ्फर अली ने खय्याम को याद करते हुए उन्हें ‘‘भावनाओं, यादों और संगीत का पिटारा’’ बताया। अली ने कहा, ‘‘‘उमराव जान’ से ही मेरा उनके साथ लंबा जुड़ाव रहा। हमने ‘अंजुमन’ और ‘जूनी’ में भी काम किया जो रिलीज नहीं हो पायी। मैं उनके बेहद करीब था और उनके बगैर संगीत की कल्पना नहीं कर सकता था।’’
अभिनेता ऋषि कपूर ने भी उनके निधन पर शोक जताया।
संगीतकार ने ‘त्रिशूल’, ‘नूरी’ और ‘शोला और शबनम’ जैसी कई सफल फिल्मों में संगीत दिया है। खय्याम के नाम से शोहरत पाने वाले मोहम्मद जहूर हाशमी को संगीत नाटक अकादमी और पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें मंगलवार को सुपुर्दे खाक किया जायेगा।
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