आम बजट : पीएम के विजन की झलक

Last Updated 03 Feb 2022 12:48:35 AM IST

बजट किसी भी देश की नीति और आर्थिक व्यवस्था को नई दिशा देने का काम करता है।


आम बजट : पीएम के विजन की झलक

बजट 2022 बड़े विजन और संकल्प को लेकर नये विश्वास और अवसरों के साथ पेश किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश आर्थिक समृद्धि की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष का बजट सबका साथ-सबका विकास की यात्रा को आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाएगा। यह बजट केवल बजट नहीं है, बल्कि भविष्य के भारत के अमृत काल का विजन पत्र भी है। इंडिया 75 से इंडिया 100 की दिशा में मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में देश आगे बढ़े, इसका रोडमैप बजट 2022 में स्पष्ट नजर आता है। देश के चौमुखी विकास की दिशा में यह बजट मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी, ढांचागत विकास और निवेश के लिए आदर्श अवसर लेकर आएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रोथ-ओरिएंटेड बजट पेश किया है, जिसके चार मुख्य स्तंभ हैं-प्रोडक्टिविटी, क्लाइमेट एक्शन, फाइनेंसिंग इंवेस्टमेंट और पीएम गतिशक्ति योजना। प्राइवेट इंवेस्टमेंट और विकास को बढ़ावा देने के लिए बजट में पूंजीगत खर्च को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.50 लाख करोड़ रु पये किया गया है। बजट घोषणाओं में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर और कैपिटल एक्सपेंडिचर के विस्तार पर फोकस किया गया है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान रिजर्व बैंक डिजिटल करंसी की शुरुआत करेगा जिसे डिजिटल रुपये का नाम दिया जाएगा। हाल ही में कोऑपरेटिव मंत्रालय का भी गठन किया गया है। कोऑपरेटिव सेक्टर को मजबूती देते हुए कोऑपरेटिव सोसायटी, जिनकी आमदनी 1 से 10 करोड़ रुपये के बीच है, पर सरचार्ज को 12 से घटाकर 7 फीसदी किया गया है। डिफेंस सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान हुआ है। डिफेंस सेक्टर में कैपेक्स का 68 फीसदी हिस्सा भारतीय कंपनियों के लिए सुरक्षित होगा। यह मेक इन इंडिया की सोच और नीति को मजबूती के साथ लागू करने की दिशा में बड़ा फैसला है।

प्रधानमंत्री मोदी के विजन की झलक बजट में साफ-साफ नजर आती है। मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवन्रेस के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है। इसी सोच के अनुरूप 1,486 यूनियन कानूनों के निरस्त होने के साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2.0 लॉन्च किया जाएगा। विश्वास और आत्मविश्वास आधारित सरकार को आगे ले जाने की सोच को आगे बढ़ाया जाएगा। पीएम ई-विद्या के ‘वन क्लास-वन टीवी चैनल’ प्रोग्राम को 12 से बढ़ाकर 200 टीवी चैनलों तक विस्तृत किया जाएगा। सभी राज्यों को इससे कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा देने में मदद मिलेगी। राज्यों को कृषि विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम संशोधित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि प्राकृतिक, जीरो-बजट और ऑर्गेनिक फार्मिंंग के साथ आधुनिक दौर की खेती की जरूरतों को पूरा किया जा सके। कोरोना काल में शिक्षा जगत में आए बदलावों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा बजट को 93,224 करोड़ से बढ़ाकर 1.04 लाख करोड़ रुपये किया गया है, जो लगभग 12 फीसदी की बढ़ोतरी है। ऑनलाइन शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल विश्वविद्यालय खोलने का भी प्रावधान बजट में किया गया है।
पीएम गतिशक्ति योजना जैसी ऐतिहासिक पहल विकास एवं प्रगति को नई रफ्तार देगी। गतिशक्ति योजना के तहत अगले 3 सालों में नई पीढ़ी की 100 वंदे भारत ट्रेनें विकसित की जाएंगी। वहीं इस दौरान 100 नये कार्गो टर्मिंनल भी बनाए जाएंगे। स्थानीय कारोबार को बढ़ावा देने के लिए ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद’ की सोच को बढ़ावा दिया जाएगा। पीपीपी मॉडल से रेलवे का विस्तार किया जाएगा। 100 गतिशक्ति टर्मिंनल बनाए जाएंगे। इसके अलावा, हाइवे विस्तार पर 20 हजार करोड़ रुपया खर्च किया जाएगा और 25,000 किमी. प्रति वर्ष सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री सड़क योजना को भी 36 फीसदी बढ़ाया गया है।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम में योगदान पर 14% तक की टैक्स राहत मिलती है, जबकि राज्य सरकार के कर्मचारियों को 10 प्रतिशत। इसमें बदलाव करते हुए राज्य सरकार को भी 14% टैक्स राहत देने का फैसला किया गया है। इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह एनपीएस में योगदान पर टैक्स छूट मिलेगी। कोरोना काल में आई चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आयकर में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई है। पीएम आवास योजना के लिए 48,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस योजना के तहत 80 लाख नये मकान बनाए जाएंगे। हर घर नल से जल परियोजना को भी तेजी से लागू करने का संकल्प लिया गया है। इसके तहत 60 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ‘घर-घर अपनी छत’ से देश के गरीबों के स्वाभिमान और आत्मसम्मान को नई ताकत मिलेगी। ईज ऑफ लिविंग को ध्यान में रखकर योजनाओं को लागू किया जाएगा और उसी सोच को बजट में भी सुनिश्चित किया गया है। आकांक्षी जिलों को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने की बात हो या सीमावर्ती गांवों को देश की विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने की सोच, बजट में देश की समृद्धि और सुरक्षा पर पूरा ध्यान दिया गया है। एनसीसी के विस्तार और देश की युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण में भूमिका के रूप में भी पहली बार योजनाबद्ध किया गया है। किस प्रकार देश के वित्त को समाज के हर वर्ग की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए उपयोग में लाया जा सकता है, यही इस बजट की विशेषता है। कहना न होगा कि यही कारण है कि चारों ओर इस बजट को अभूतपूर्व स्वीकार्यता मिली है।
कुल मिलाकर यह बजट समावेशी एवं भविष्यवादी है, जिसे युवाओं, महिलाओं, किसानों और जवानों, सभी के सशक्तिकरण को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। समाज के सभी वगरे को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का संकल्प बजट के हर पहलू में स्पष्ट नजर आता है। यह आत्मनिर्भर बजट देश की आर्थिकी को नया विस्तार देगा और आधुनिक भारत के निर्माण की आधारशिला बनेगा।

आचार्य पवन त्रिपाठी


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment