सामयिक : लोकल्याणकारी बजट
आम बजट नये भारत एवं आत्मनिर्भर भारत को समर्पित है। भारतीय जनता पार्टी का मुख्य लक्ष्य रहा है कि देश के हर व्यक्ति का कल्याण सुनिश्चित किया जाए तथा उसको विकास के हरसंभव मौके प्रदान किए जाएं।
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आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देते हुए यह बजट नागरिकों के अंदर नवचेतना लेकर आएगा। देश के सभी नागरिकों खासकर मध्यम वर्ग, युवाओं, महिलाओं, किसानों एवं उद्योग जगत को बड़ी उम्मीद रहती है। इनकी उम्मीदों पर खरा उतरना हर सरकार का कर्त्तव्य है, और भाजपा का यह एक महत्त्वपूर्ण संकल्प है। यह बजट समग्र कल्याण एवं समावेशी लाभ के लक्ष्य के लिए है। बजट देश के अमृत महोत्सव को समर्पित करते हुए पेश किया गया।
आजादी के 75वें वर्ष में अमृत महोत्सव को समर्पित बजट अगले 25 वर्षो के बुनियादी लक्ष्य को निर्धारित करेगा। बजट में शिक्षा, रोजगार, डिजिटलाइजेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, उद्योग और कृषि जैसे आम नागरिकों की जरूरत वाले विषयों पर अत्यधिक ध्यान दिया गया है। विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का यह आम बजट कई मायनों में खास बजट है क्योंकि यह कोरोना जैसी महामारी से लड़ते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए पेश किया गया है। पिछले दिनों आईएमएफ ने भारत की ग्रोथ 9 प्रतिशत जबकि आर्थिक सर्वेक्षण ने भी 9.92 प्रतिशत बताई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में मौजूदा वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर 9.2 फीसद रहने का अनुमान जताया है, यह दर विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक है। बजट इसी वृद्धि को जारी रखने, पिछड़े क्षेत्रों के समावेश, विभिन्न आर्थिक सेक्टरों को प्रोत्साहन देने एवं बड़े लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए है। बजट को भारतीय मार्केट ने भी सकरात्मक रूप से लिया है। बजट सरकार की नीतियों और नीयत, दोनों के संगठित प्रयास का प्रतिफल है, जो समाज में बड़े स्तर पर संतुलन स्थापित करने के लिए पेश किया गया है। पिछले बजट में हमारी सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान किए थे। इस बार कोरोना के कारण प्रभावित क्षेत्रों में विशेष रियायत प्रदान की गई है।
बजट में सबसे सुखद यह रहा कि इसका आरंभ शिक्षा से किया गया। हम जानते हैं कि पिछले वर्षो में कोरोना वायरस से सबसे प्रभावित क्षेत्रों में देश की शिक्षा व्यवस्था रही है। यह बजट 56 मंत्रालय और 102 डिमांड फॉर ग्रांट के लिए है, जिसमें मुख्य रूप से शिक्षा, तकनीकी अनुसंधान, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण, हाइवे, रेलवे, किसान, टैक्स एवं घरेलू रोजगार को ध्यान में रखा गया। आधुनिक कृषि की जरूरतों को पूरा करने और घरेलू रोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। कृषि उपज मूल्य श्रृंखला के लिए प्रासंगिक कृषि और ग्रामीण उद्यम के लिए स्टार्टअप को वित्त-पोषित करने के लिए नाबार्ड के माध्यम से निधि की सुविधा का प्रावधान है। स्टार्टअप एफपीओ का समर्थन करेंगे और किसानों को तकनीक प्रदान करेंगे। उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस और असीम पोर्टल जैसे एमएसएमई को आपस में जोड़ा जाएगा, उनका दायरा बढ़ाया जाएगा। भारत की सबसे बड़ी समस्या लॉजिस्टिक के खर्चे की है, जिसे सरकार ने अन्य देशों की तुलना में बराबर करने की कोशिश की है, और लोगों और सामानों की तेज आवाजाही को सुगम बनाने के लिए एक साल में 25000 किमी. हाइवे का निर्माण हो रहा है। उद्यम और हब के विकास के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम को नये कानून के साथ बदल जाएगा जिससे मौजूद औद्योगिक परिक्षेत्रों को कवर किया जा सकेगा तथा निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा।
रक्षा बजट में 10 फीसद की बढ़ोतरी की गई है। पिछले वर्ष की तुलना में इससे रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भरता को कम करने एवं मेक इन इंडिया को मजबूती प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार के कर्मचारियों एवं केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच सामाजिक सुरक्षा लाभों को एक समान रखने के लिए दोनों तरफ के कर्मचारियों की कर कटौती की सीमा में 10 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद की गई है। इसके साथ ही कॉरपोरेट सरचार्ज को 12 फीसद से घटाकर 7 फीसद किया गया। वित्त मंत्री ने अपने भाषण के आखिर में कहा कि जनवरी, 2022 के महीने के लिए सकल जीएसटी संग्रह 1,40,986 करोड़ रुपये है, जो जीएसटी की स्थापना के बाद से सबसे अधिक है। यह उनके बजट का हिस्सा नहीं था पर देशवासियों एवं संसद के संज्ञान में लाना चाहती थीं।
सरकार बजट भविष्य की संभावनाओं और बाजार में मांग बढ़ाने के उद्देश्य से लाई है। इस तरह यह बजट आने वाले 25 वर्षो का आधार स्तंभ है, जिसमें भारतीय नागरिक और पिछड़े क्षेत्रों के समावेश और विकास पर विशेष बल है। यह देश तभी समृद्ध होगा, जब सभी नागरिकों को साथ लेकर चले, जो बजट में दिखता है। बजट भारतीयों के नवोउत्थान का परिचायक है, आम व्यक्ति को समर्पित बजट भाजपा की अंतिम व्यक्ति तक पहुंच को सुनिश्चित करता है। पार्टी और सरकार की जो प्रतिबद्धता है-‘सबका साथ, सबका विकास’-को प्रतिबिंबित करती है।
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