भारतीय क्रिकेट : श्रेयस की चमक से चयन की चुनौती

Last Updated 01 Dec 2021 12:12:25 AM IST

भारत और न्यूजीलैंड के बीच कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेले गए सीरीज के पहले टेस्ट मैच में आखिरी गेंद तक रोमांच बना रहा।


भारतीय क्रिकेट : श्रेयस की चमक से चयन की चुनौती

आम तौर पर ऐसा रोमांच टी-20 और वनडे क्रिकेट में ही देखने को मिलता है। भारत को जीत के लिए एक विकेट गिराना था और न्यूजीलैंड को हार से बचाने के लिए बल्लेबाजी कर रही रचिन रविंद्र और एजाज की जोड़ी को आखिर तक टिके रहना था। न्यूजीलैंड की जोड़ी मैच को ड्रा कराने में सफल रही।
भारत को जीत से महरूम करने वाले न्यूजीलैंड के इन  दोनों बल्लेबाजों का भारत से गहरा नाता है। रचिन के माता-पिता भारतीय हैं और एजाज का जन्म मुंबई में हुआ है। भारत ने जिस समय टिम साउदी का विकेट निकाला तब 9.4 ओवर का खेल बाकी था। भारत की जीत साफ नजर आने लगी थी। लेकिन रचिन और एजाज ने विकेट पर लंगर डाला तो भारतीय स्पिन तिकड़ी रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल उनके ऊपर कोई प्रभाव नहीं डाल सके। रचिन ने 52 गेंदों और एजाज ने 23 गेंदों का सामना करके भारत को निश्चित नजर आ रही जीत से दूर कर दिया। भारतीय टीम भले ही जीत पाने में सफल नहीं हो सकी पर विकेट पर क्रिकेट की जीत पर भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने विकेट के क्यूरेटर शिव कुमार और ग्राउंड स्टाफ को अपनी तरफ से 35000 रुपये का इनाम दे दिया। कहा कि मैंने इससे पहले कभी ग्रीन पार्क की इतनी अच्छी विकेट नहीं देखी। टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से यह बेहतर विकेट थी। इस पर न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज टिम साउदी और जैमिसन ने भारत के 17 में से 14 विकेट निकाले तो भारतीय स्पिनरों ने भी 19 में से 17 विकेट निकाले। इसका मतलब साफ है कि बेहतर गेंदबाजों को सफलता मिली। बल्लेबाजों ने टिककर खेलने का प्रयास किया तो उन्हें भी सफलता मिली। सफल बल्लेबाजों में न्यूजीलैंड के टॉम लाथम और विल यंग, भारत के श्रेयस अय्यर और रविंद्र जडेजा के नाम लिए जा सकते हैं।

श्रेयस का तो यह पदार्पण टेस्ट था। इस लिहाज से देखें तो उन्होंने अपनी बल्लेबाजी क्षमता से टीम प्रबंधन का सिर दर्द बढ़ा दिया है। पहली पारी में शतक जमाने के बाद दूसरी पारी में अर्धशतक जमा दिया। वह कप्तान विराट कोहली के पहले टेस्ट में आराम करने की वजह से खेले। लेकिन उन्हें मुंबई में दूसरे टेस्ट में विराट के लौटने पर बैठाना उनके साथ नाइंसाफी होगी। टीम के स्तंभ माने जाने वाले चेतेश्वर पुजारा और कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे इस टेस्ट में कुछ खास नहीं कर सके। वे खेलते रहें और पहले टेस्ट में सुर्खियां बटोरने वाले खिलाड़ी को बैठा दिया जाए तो यह हर सूरत में गलत कदम होगा। दूसरे टेस्ट की टीम में श्रेयस को टीम में बनाए रखने के लिए जरूरी है कि रहाणे और पुजारा में से किसी एक को बाहर बिठाया जाए। द्रविड़ ने हाल में कोच की जिम्मेदारी संभाली है, इसलिए लगता नहीं है कि वह इतना बड़ा कदम उठाएंगे। श्रेयस के लिए टीम में जगह बनाने के लिए दूसरा तरीका है कि ओपनर मयंक को बिठाकर पुजारा से शुभमन गिल के साथ पारी की शुरुआत कराई जाए। वह पहले भी ऐसा कर चुके हैं।  वैसे भी रोहित और लोकेश राहुल की अनुपस्थिति से मिले मौके का मयंक फायदा उठाने में विफल रहे हैं। दोनों पारियों में कुल 30 रन ही बना सके।
अश्विन के लिए भी यह टेस्ट अच्छा रहा। उन्होंने पहली पारी में 38 रन बनाने के बाद दूसरी पारी में 32 रन का योगदान उस समय किया जब भारतीय टीम लड़खड़ाती नजर आ रही थी। इस टेस्ट में छह विकेट लेकर वह हरभजन सिंह के 417 विकेट के रिकॉर्ड को तोड़ने में सफल हुए हैं। 419 टेस्ट विकेट के साथ भारत के तीसरे सफलतम गेंदबाज बन गए हैं। उनसे ज्यादा विकेट लेने वाले अनिल कुंबले (619) और कपिल देव (434 विकेट) ही हैं। अश्विन जिस तरह से गेंदबाजी कर रहे हैं, उसे देखते हुए कपिल का रिकॉर्ड तो जल्द ही टूट सकता है पर कुंबले का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए अश्विन को तीन चार साल और खेलना होगा।
भारत मुंबई में दूसरे टेस्ट को जीतकर सीरीज पर कब्जा जमाना चाहता है, तो उसे अपने पेस गेंदबाजी अटैक में बदलाव करना होगा। पहले टेस्ट में ईशांत शर्मा और उमेश यादव उम्मीदों के अनुरूप गेंदबाजी करने में विफल रहे जबकि न्यूजीलैंड के पेसरों ने धड़ाधड़ विकेट निकाले। भारतीय पेसर सिर्फ दो विकेट निकाल सके। इसलिए अब दूसरे टेस्ट में बुमराह और मोहम्मद शमी में से किसी एक गेंदबाज को खिलाना होगा। विराट की वापसी पर बेहतर कप्तानी की उम्मीद की जा सकती है। यह भी कहना है कि भारत ने पहले टेस्ट की दूसरी पारी घोषित करने में देरी करके भी जीत को अपने हाथ से फिसलने दिया।

मनोज चतुर्वेदी


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