अमित शाह जन्मदिन विशेष : दृढ़ संकल्प और कर्तृत्व के धनी

Last Updated 22 Oct 2021 03:01:41 AM IST

भारत स्वतंत्र होने के बाद से आज तक 74 वर्षो में 29 नेताओं ने देश के गृह मंत्रालय की कमान संभाली है।


अमित शाह जन्मदिन विशेष : दृढ़ संकल्प और कर्तृत्व के धनी

धुर शीषर्स्थ नेताओं में प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपने कार्यकाल के उपलब्धियों के कारण लौह पुरुष के रूप में वो अजर-अमर हो गए। उन्होंने संस्थानों का विलय कराकर भारत में जो साहसिक काम किया है, उसे कोई भूल नहीं सकता। उनके बाद गोविन्द बल्लभ पंत, लाल बहादुर शास्त्री, गुलजारीलाल नंदा, यशवंतराव चव्हाण, इंदिरा गांधी, चंद्रशेखर, लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह ऐसे अनेक दिग्गजों ने यह कार्यभार संभाला। वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह के गृह मंत्रालय के कार्यभार के दो साल पूरे हो गए हैं।

इन दो वर्षो में देश की वर्तमान स्थिति में जिस प्रकार के निर्णय लिए गए वह ऐतिहासिक काल को गति देने के रूप में आजाद भारत के इतिहास में दर्ज होगा। राजीव गांधी ने देश के प्रधानमंत्री रहते हुए सर्वोच्च अदालत के शाह बानो मामले में फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए नया कानून ही ले आए थे। कांग्रेसी मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति के सामने निर्णय का परास्त हो गया व ट्रिपल तलाक कानून समाप्त होने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो गई। अमित शाह के इस कार्यकाल में यह कानून रद्द कराकर उसका क्रियान्वयन भी देश में शुरू हो गया व लाखों की संख्या में मुस्लिम बहनें, माताओं इनको न्याय मिलने का रास्ता प्रशस्त हो गया। कश्मीर पूरे देश में धारा 370 के कारण सदैव चर्चा में रहा है। देशभक्त और राष्ट्रवादी लोग, संघ विचार परिवार के लोग इसके खिलाफ बोलते रहे हैं, संघर्ष करते रहे।

श्रीनगर के लाल चैक में तिरंगा फहराने के लिए देशव्यापी यात्रा का भी आयोजन विद्यमान प्रधानमंत्री व उस समय के भाजपा के संगठन महामंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुआ था। उस समय भी अपेक्षित यश वहां न मिलने से देशभक्तों के मन में बड़े पैमाने पर नाराजगी थी। धारा 370 हटना और कश्मीर में आतंकवादियों के हिंसाचार और आतंक पर काबू पाना यह असंभव काम संभव कर अमित शाह ने नया इतिहास प्रस्तुत किया है।

इसका ही परिणाम कश्मीरी पंडितों को खदेड़ कर बाहर निकालना व कश्मीर छोड़कर जाने पर मजबूर करने को जो अमानवीय काम हुआ था उससे भी मुक्ति दिलाकर कश्मीरी निर्वासित पंडितों को वापस आने का रास्ता प्रशस्त हुआ है। राज्य सभा में पूर्ण बहुमत न होते हुए भी जिस कुशलता से व साहस से सदन को स्पष्टता से अमित शाह ने जो जवाब दिया है, उससे पूरा देश का माथा ऊंचा हुआ है। धारा 370 हटना व कानून पारित होना एक बात थी पर उसके बाद शांतिपूर्वक क्रियान्वयन होना अपने आप में बड़ा चैलेंज था वो उन्होंने कर दिखाया।

अयोध्या में राम जन्म भूमि पर श्री राम का भव्य मंदिर बने इसके लिए सालों से संघर्ष चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट से न्याय का इंतजार था। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में ही यह बहुप्रतीक्षित फैसला आया व अमित शाह के नेतृत्व में वातावरण बना। देश में कहीं भी अशांति, दंगा-फसाद न होते हुए भगवान श्री राम का मंदिर बनने का काम ट्रस्ट बनकर शुरू हो गया। जनता ने स्वयं प्रेरणा से दान देकर हिंदू अस्मिता जगाने का काम भी इसी कार्यकाल में हुआ। 02 अक्टूबर, 1983 को गुवाहाटी में जजेट फील्ड के मैदान में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से बंग्लादेशी घूसखोरों के खिलाफ देशव्यापी सत्याग्रह का आयोजन था। मैं भी उस सत्याग्रह में महाराष्ट्र के टीम का नेतृत्व कर रहा था। ‘असम समस्या का हल न हुई तो इन सड़कों पर खून बहेगा।’ ऐसे नारे लगाकर हमने देशभर के कार्यकर्ताओं ने लाठियां झेली थीं और जेल भी गए थे।

इतनी जल्दी हमारे सामने ही नागरिकता संशोधन कानून (एनआरसी) पारित होकर पूरे विश्व में आजाद भारत के स्वाभिमान का संदेश देने में हम यशस्वी हुए इसका श्रेय गृहमंत्री अमित शाह को जाता है। यह तो केवल झांकी है। उनके व्यक्तित्व के अनेक पहलू पर नजर डालने के बाद ध्यान में आता है कि यह असाधारण व्यक्तित्व है। जो बात मन में ठान लेते हैं वो पूरी क्षमता से कर-कर ही विश्राम लेते हैं। हर विषय की गहराई में जाकर आकलन करना, निर्णय करना और उसका क्रियान्वयन करना यह उनकी विशेषता है। सरदार वल्लभभाई पटेल के बाद इस प्रकार का साहसी काम, विविध उपलब्धियां हासिल हुई हैं वो अमित शाह के दृढ़निश्चयी व्यक्तित्व के करण भी हुई है। उसे यह देश कभी भूल नहीं सकता।

वे जब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तब भी पार्टी की गतिविधि व कार्ययोजनाओं में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन लाने का काम उन्होंने किया। 4 करोड़ की सदस्यता वाली पार्टी 21 करोड़ तक पहुंचना, सभी जिले में पार्टी ने अपने खुद के कार्यालय का निर्माण होना। पार्टी के सभी पदाधिकारियों का पूरे देश में आक्रमक भ्रमण के साथ-साथ सरकारी कामकाज को पूरा सपोर्ट देते हुए सरकारी निर्णयों का पूर्ण समर्थन में पार्टी खड़ी होना यह उनके कार्यकाल के विशेष पहलू हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण बात कई राज्यों तक सीमित रहने वाली भाजपा को राष्ट्रीय स्वरूप में उपस्थिति दर्ज कराकर ज्यादा से ज्यादा राज्यों के चुनाव जीत कर पार्टी का दायरा विस्तृत करने का काम भी उनके कार्यकाल में हुआ है।

ऐसे अमित शाह का आज जन्मदिन है। उनके जैसे व्यक्ति यह देश का गौरव है। उनके जन्मदिन के शुभ अवसर पर पूरे देश के लोगों के लिए आनंद का क्षण है। देश को आगे बढ़ाना, विश्व में नया कीर्तिमान स्थापित करना, नये-नये उपक्रमों के साथ देश के सामान्य वगरे को भी मुख्य प्रवाह में शामिल करना, देश का सर्वागीण विकास करना ये सब बातें प्रधानमंत्री  मोदी के नेतृत्व में तो हो रही हैं। उसको कर्तृत्व के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने का काम अमित शाह के व्यक्तित्व से हो रहा है।
उनके जन्मदिन के शुभ अवसर पर ‘नहीं रुकेंगे, बढ़े कदम-मंजिल पर ही लेंगे दम’ इसी संकल्प के साथ उन्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

श्याम जाजू
निवर्तमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा


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